नयी दिल्ली, नौ फरवरी दिल्ली की एक अदालत ने 2020 में शहर के उत्तर-पूर्वी हिस्से में हुई संप्रादायिक हिंसा के दौरान दंगा और आगजनी करने के एक आरोपी को शुक्रवार को जमानत देते हुए कहा कि पिछली जमानत अर्जी खारिज किए जाने के बाद से परिस्थितियों में बदलाव आ गया है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रामचला आरोपी संदीप उर्फ मोगली की चौथी जमानत अर्जी पर सुनवाई कर रहे थे। संदीप पर 24 फरवरी, 2020 को भागीरथी विहार में एक संपत्ति में तोड़फोड़ करने और आग लगाने वाली दंगाई भीड़ का हिस्सा होने का आरोप है।
आरोपी की जमानत अर्जी जुलाई और सितंबर 2023 में, और इस साल दो फरवरी को खारिज कर दी गई थी।
अदालत ने कहा कि एक अभियोजन पक्ष के गवाह की हालिया गवाही के अनुसार, घटना 25 फरवरी, 2020 को हुई।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘अभियोजन पक्ष के साक्ष्य और अभियोजन पक्ष के कहने पर मामले में तय किए गए आरोपों के बीच घटना के समय में अंतर मेरी राय में मामले से जुड़ा एक महत्वपूर्ण पहलू है।’’
अदालत ने कहा कि कथित घटना के समय में अंतर आरोपी के पक्ष में है और यह मामले के अंतिम फैसले के दौरान भी प्रासंगिक होगा।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि परिस्थितियों में इस महत्वपूर्ण बदलाव के आधार पर अर्जीकर्ता (संदीप) जमानत का हकदार है। इसलिए,अर्जी मंजूर की जाती है।’’
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