नयी दिल्ली, 17 अगस्त उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि यूनिटेक लिमिटेड से घर खरीदने वाले उन 1,000 से अधिक ग्राहकों को अपने फ्लैट का कब्जा लेने और अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए 30 दिन का समय दिया जाएगा जिन्होंने बिल्डर से राशि वापस लेने का विकल्प चुना है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शीर्ष अदालत के समक्ष बंद लिफाफे में पेश की गई अपनी रिपोर्ट में कहा कि उसने धन शोधन से जुड़े मामले में यूनिटेक लिमिटेड समूह एवं अन्य की 650 करोड़ रुपये कीमत की संपत्तियां जब्त की हैं, जिनमें से 450 करोड़ रुपये वापस प्राप्त किए जा सकते हैं।
शीर्ष अदालत ने यूनिटेक लिमिटेड के नए प्रबंधन को निर्देश दिए कि वह उन घर खरीदारों की श्रेणी को प्राथमिकता दे जोकि आयु, स्वास्थ्य, विपदा और परियोजना की स्थिति के मापदंडों के अनुसार अपनी राशि वापस चाहते हैं।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने न्याय मित्र वकील पवनश्री अग्रवाल कहा कि वेब पोर्टल को 30 दिन के लिए उपलब्ध कराया जाए ताकि राशि वापसी का विकल्प चुनने वाले 1,197 घर खरीदारों को अपने निर्णय पर पुनर्विचार के लिए अंतिम मौका दिया जा सके और उनके पास अपने फ्लैट पर कब्जा लेने का विकल्प खुला रहे। इस पोर्टल पर दिसंबर 2019 में पंजीकरण बंद कर दिया गया था।
पीठ ने कहा कि परियोजना में देरी एवं अनिश्चितता समेत अन्य कारणों के चलते राशि वापस चाहने वाले घर खरीदारों को अंतिम अवसर दिया जाए जिससे उन्हें अपने निर्णय पर एक बार फिर से विचार करने का मौका मिल सके।
पीठ ने कहा कि कई घर खरीदार ऐसे हैं जिन्हें अपनी मूल राशि वापस मिल चुकी है लेकिन उन्होंने अपना ''अनापत्ति प्रमाण पत्र'' जमा नहीं कराया है।
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