नयी दिल्ली, 22 जनवरी उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को 'लंदन प्राइड' ट्रेडमार्क के तहत व्हिस्की बनाने और बेचने वाली मध्य प्रदेश स्थित एक कंपनी को यह सूचित करने का निर्देश दिया कि क्या वह अपने उत्पाद की साज-सज्जा और रंग बदलने को तैयार है।
न्यायालय ने शराब उत्पादक पर्नाड रिकर्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के 'ब्लेंडर्स प्राइड' और 'इंपीरियल ब्लू' व्हिस्की से मिलता-जुलता उत्पाद होने की वजह से लंदन प्राइड की विनिर्माता जेके एंटरप्राइजेज को यह निर्देश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने 'लंदन प्राइड' की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एस मुरलीधर से इस निर्देश पर कंपनी की प्रतिक्रिया के बारे में अगली सुनवाई तक सूचित करने को कहा।
पीठ ने कहा, "आपने ('लंदन प्राइड') उत्पाद का एक ही कलेवर और रंग एवं बाकी चीजें क्यों अपनाई हैं? इस बारे में निर्देश प्राप्त करें कि क्या आप इसका कलेवर और रंग बदलेंगे।"
न्यायालय ने पर्नाड रिकर्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से दायर एक अपील पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह अगली सुनवाई में नामों पर ट्रेडमार्क विवाद के मुद्दे पर दलीलें सुनेगी।
कंपनी ने इस अपील में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के नवंबर, 2023 में आए फैसले को चुनौती दी है जिसमें जेके एंटरप्राइजेज पर उत्पाद की नकल करने का आरोप लगाते हुए इसकी बिक्री पर रोक लगाने की मांग ठुकरा दी गई थी।
पर्नाड रिकर्ड का कहना है कि मध्य प्रदेश स्थित कंपनी उसके ट्रेडमार्क की पूरी तरह नकल कर रही है और 'लंदन प्राइड' नाम से अपने व्हिस्की ब्रांड का उत्पादन और बिक्री कर रही है।
व्हिस्की ब्रांडों के ट्रेडमार्क के कथित उल्लंघन पर जारी कानूनी जंग में पांच जनवरी को एक असामान्य दृश्य नजर आया था। उस दिन उच्चतम न्यायालय में दोनों पक्षों की शराब की बोतलें दिखाई गई थीं।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)