नयी दिल्ली, आठ अप्रैल उच्चतम न्यायालय ने 2010 में हरियाणा के स्कूलों में 1,983 शारीरिक प्रशिक्षण अनुदेशकों (पीटीआई) की नियुक्ति को बुधवार को रद्द करने वाले पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा और राज्य कर्मचारी चयन आयोग को फिर से भर्ती प्रक्रिया का संचालन करने को कहा।
न्यायालय ने लॉकडाउन समाप्त होने की तारीख से पांच महीने के अंदर इस प्रक्रिया को पूरा करने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से फैसला सुनाया और भूपेंद्र हुड्डा नीत कांग्रेस सरकार के दौरान की गई नियुक्ति प्रक्रिया को रद्द करने के उच्च न्यायालय की एकल और खंडपीठ द्वारा पारित फैसले को कायम रखा।
पीठ ने कहा कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग 28 दिसंबर, 2006 को अधिसूचित मानदंड के अनुसार 2006 की विज्ञापन संख्या छह द्वारा शुरू की गई समूची चयन प्रक्रिया को पूरा करेगा। इसके तहत 200 अंकों की वस्तुनिष्ठ लिखित परीक्षा होगी और 25 अंकों का साक्षात्कार होगा।
पीठ ने कहा कि जिन आवेदकों ने उपरोक्त विज्ञापन पर आवेदन जमा किया था, उन्हें नए सिरे से चयन में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी। इसमें वे उम्मीदवार भी शामिल होंगे जिनका चयन हुआ था।
पीठ ने चयनित उम्मीदवारों की याचिका को खारिज कर दिया कि वे 2010 से काम कर रहे हैं और उन्हें अपने पदों पर बने रहने की अनुमति दी जाए।
फैसले के अनुसार जिन उम्मीदवारों का चयन किया गया था और जो अनुदेशक पद पर काम कर चुके हैं, उन्हें वेतन या उनके द्वारा प्राप्त 84 अन्य लाभों को वापस करने के लिए नहीं कहा जाएगा। उन उम्मीदवारों से भी रकम लौटाने को नहीं कहा जाएगा जिन्होंने चयन के बाद काम किया और फिर सेवानिवृत्त हो गए।
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