नयी दिल्ली, 11 अगस्त उच्चतम न्यायालय ने राजस्थान के छह विधायकों को मंगलवार को अनुमति दे दी कि वे उनके खिलाफ उच्च न्यायालय में लंबित याचिका को सर्वोच्च न्यायालय में स्थानांरित करने का अनुरोध करने वाली याचिका वापस ले लें।
बसपा के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचने के बाद कांग्रेस में विलय करने वाले इन छह विधायकों को सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित करने का अनुरोध करते हुए भाजपा विधायक मदन दिलावर ने राजस्थान उच्च न्यायालय में अर्जी दी है। अर्जी में उन्होंने कहा है कि इन विधायकों ने अपनी पार्टी के व्हिप का उल्लंघन किया है। यह याचिका उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।
विधायकों की ओर से उपस्थित वकील ने उच्चतम न्यायालय में न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि उन्हें याचिका वापस लेने का निर्देश दिया गया है। पीठ में न्यायमूतर्मि बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी भी शामिल थे।
वकील की बात सुनने के बाद पीठ ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ताओं की ओर से उपस्थिति वकील ने उनकी स्थानांतरण अर्जी वापस लेने का अनुरोध किया है। अनुरोध के अनुरुप, इस स्थानांतरण अर्जी को वापस लेते हुए खारिज किया जाता है।’’
न्यायालय ने इसी मामले से जुड़ी दिलावर की एक याचिका पर भी सुनवाई की। दिलावर ने इन छह विधायकों के कांग्रेस सदस्यों के रूप में काम करने पर रोक लगाने का अनुरोध ठुकराने वाले राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है।
सुनवाई की शुरुआत में ही पीठ ने वकीलों से पूछा कि राजस्थान उच्च न्यायालय की एकल पीठ इस मामले पर सुनवाई कब करने वाली है। पीठ को सूचित किया गया कि अदालत में सुनवाई आज ही होनी है।
न्यायालय ने अपने आदेश में कहा, ‘‘चूंकि उच्च न्यायालय में सुनवाई आज ही है और सभी पक्षों ने कहा है कि वे अपनी दलीलें पेश करेंगे, ऐसे में मामले की सुनवाई अदालत में होने दें।’’
पीठ ने सुनवाई के लिए अगली तारीख 13 अगस्त की तय की है।
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