ठाणे, 11 जनवरी महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने 2011 में 14 साल की एक लड़की के अपहरण और उससे दुष्कर्म के मामले में आरोपी व्यक्ति तथा उसकी मां को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।
सत्र न्यायाधीश डॉ रचना आर तेहरा ने छह जनवरी को पारित आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ आरोपों को संदेह से परे साबित नहीं कर सका और इसलिए उन्हें बरी करना होगा।
आदेश की प्रति मंगलवार को उपलब्ध कराई गयी।
अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि लड़की 29 अप्रैल, 2011 को नवी मुंबई में अपने घर से निकली थी और लौटी नहीं।
लड़की के माता-पिता ने उसकी खोजबीन की लेकिन उसका पता नहीं चला। अभियोजन पक्ष के अनुसार बाद में उन्हें पता चला कि 31 वर्षीय व्यक्ति ने कथित रूप से उसका अपहरण किया था।
अभियोजन पक्ष ने अदालत से कहा कि लड़की के माता-पिता ने लड़के के परिवार से संपर्क किया जिसने उन्हें धमकाया।
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर ऐसा लगता है कि अभियोजन पक्ष ने केवल दो गवाहों से पूछताछ की और उन्होंने मामले में सहयोग नहीं किया है।
उसने कहा कि इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि आरोपी ने लड़की को अगवा किया और उससे दुष्कर्म किया या लड़के की मां और पिता ने लड़की को किसी तरह विवश किया।
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