इस्राएल में सरकार के न्यायिक सुधारों के खिलाफ फिर से प्रदर्शन शुरू हो गया है. सरकार पर सुप्रीम कोर्ट को कमजोर करने के आरोप लग रहे हैं.इस्राएल की संसद ने सोमवार रात न्यायिक सुधार बिल को पहली मंजूरी दे दी. अब इस बिल की दो रीडिंग और बाकी हैं. अगर यह बिल पास हुआ तो इस्राएल में सुप्रीम कोर्ट सरकार के फैसलों की समीक्षा नहीं कर सकेगा. इस विवादित सुधार के खिलाफ इस्राएल में एक बार फिर बड़े प्रदर्शन होने लगे हैं. स्थानीय मीडिया के मुताबिक देश में कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने सड़कें जाम कर दी हैं.
इस्राएल की सड़कों पर फिर दिखा न्यायिक सुधारों का विरोध
विरोध में उतरे लोग
इस्राएल की राजधानी तेल अवीव में इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास हजारों लोग जमा हुए हैं. प्रदर्शनकारियों बैनर और पोस्टरों के साथ सड़कों पर उतरे हैं. कुछ बैनरों में लिखा है, "हमें लोकतंत्र की तबाही को रोकना ही होगा." इस्राएली अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार मानी जाने वाली कई टेक कंपनियों का कहना है कि वे अपने कर्मचारियों को प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए अनुमति व छुट्टी देंगी.
सरकार पर सवाल
विपक्ष और लोकतांत्रिक अधिकारों की वकालत करने वाले कार्यकर्ताओं का कहना है कि भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप झेल रहे प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू खुद को बचाने के लिए यह सुधार करना चाहते हैं. नेतन्याहू अगर दोषी साबित होते हैं तो उनकी कुर्सी जा सकती है. लेकिन नया कानून मंत्रीमंडल के सदस्यों को न्यायिक जवाबदेही से बचने का रास्ता देता है.
आलोचकों का कहना है कि यह बिल लोकतांत्रिक संस्थाओं के बीच शक्ति के बंटवारे पर चोट करता है. वे आशंका जता रहे हैं कि यह न्यायिक सुधार इस्राएल में तानाशाही या निरंकुश सत्ता को बढ़ावा दे सकता है. अमेरिका और जर्मनी समेत इस्राएल के कई करीबी साझेदार देश भी नेतन्याहू सरकार से इस रास्ते पर आगे न बढ़ने की अपील कर चुके हैं.
ओएसजे/एसबी (एएफपी, डीपीए)