जिन देशों को अमेरिका चुनाव कराने के तरीकों पर नसीहत देता रहा है, वे अब आलोचना कर रहे हैं और सवाल उठा रहे हैं कि क्या अमेरिका जैसे लोकतांत्रिक व्यवस्था वाले देश के राष्ट्रपति इस तरह के दावे कर सकते हैं।
कोलंबिया के दैनिक अखबार पब्लिमेट्रो ने अमेरिका के झंडे के प्रिंट वाले मास्क पहने एक व्यक्ति की तस्वीर के साथ पहले पन्ने पर खबर का शीर्षक दिया है, ‘‘अब बनाना रिपब्लिक कौन है?’’
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अनेक मीडिया संस्थानों ने बृहस्पतिवार को ट्रंप से कन्नी काटना शुरू कर दिया जब उन्होंने अमेरिकी चुनाव प्रणाली को लेकर सवाल खड़े करने शुरू किये। अमेरिका लंबे समय से दुनियाभर में प्रभुत्व वाली रणनीतियों का मुखर आलोचक रहा है। अब उनमें से ही कुछ देश अमेरिका पर उंगली उठा रहे हैं।
वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने अमेरिका में मतदान मंगलवार के बाद तक चलने पर चुटकी ली। वहीं केन्या के कार्टूनिस्ट पैट्रिक गथारा ने ट्वीट किया कि ‘‘ट्रंप व्हाइट हाउस में बंद से हो गये हैं और जब तक विजयी घोषित नहीं हो जाते, तब तक वहां से नहीं निकलने का संकल्प जता रहे हैं।’
तंजानियाई नागरिक समीर कियानगो ने कहा, ‘‘हम खुद से सवाल पूछ रहे हैं कि अमेरिकी लोकतांत्रिक प्रक्रिया इतनी कमजोर कैसे हो गयी जिसे बाकी दुनिया के लिए एक परिपूर्ण लोकतंत्र के ध्वजवाहक के तौर पर देखा जाता रहा है।’’
अफ्रीका, मेक्सिको, आइवरी कोस्ट समेत अन्य देशों में भी ट्रंप के इस रुख पर तीखी और आलोचनात्मक प्रतिक्रियाएं आई हैं।
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