
नयी दिल्ली, 11 जून आरोपी को जमानत पर रिहा करवाने के लिए कथित तौर पर रिश्वत मांगने वाले एक अदालती कर्मचारी (अहलमद) ने दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर अपनी अग्रिम जमानत याचिका बुधवार को वापस ले ली।
कर्मचारी ने मामले में भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) द्वारा अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की एक अन्य याचिका भी वापस ले ली।
न्यायमूर्ति तेजस करिया ने कर्मचारी को याचिका वापस लेने की अनुमति दी और जरूरत पड़ने पर नयी याचिका दायर करने की छूट भी दी।
अहलमद के वकील ने अदालत से एसीबी को उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन करने और जांच में शामिल होने के लिए कहने से पहले उसे नोटिस जारी करने के निर्देश देने का आग्रह किया।
दूसरी ओर, एसीबी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने कहा कि एजेंसी कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करेगी।
एसीबी ने रिश्वत मांगे जाने की शिकायतों के बाद 16 मई को कर्मचारी के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
अड़तीस-वर्षीय अहलमद 14 सितंबर, 2023 से 21 मार्च, 2025 के बीच राउज एवेन्यू जिला न्यायालय में एक विशेष न्यायाधीश की अदालत में तैनात था।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)