नयी दिल्ली, एक फरवरी भारतीय कंपनी जगत ने महामारी काल में सोमवार को पेश किए गए दूसरे बजट को वृद्धि-उन्मुख बताते हुए कहा कि इसमें पूंजीगत व्यय और राजकोषीय अनुशासन के बीच संतुलन साधने की कोशिश की गई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 का बजट संसद में पेश किया। यह महामारी काल में पेश उनका लगातार दूसरा बजट है।
कॉरपोरेट क्षेत्र के दिग्गजों एवं उद्योग जगत ने इस बजट को किसी भी तरह के लोक-लुभावनवाद से परे बताते हुए कहा कि यह किसी कारोबार-सरीखा है जिसमें कारोबारी सुगमता बढ़ाने और मांग एवं निवेश बढ़ाकर आर्थिक वृद्धि में नई जान फूंकने पर जोर दिया गया है।
वेदांता रिसोर्सेज के कार्यकारी चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘आम लोगों के लिए वृद्धि-उन्मुख एवं दूरगामी बजट पेश करने के लिए वित्त मंत्री को मेरी बधाई। यह महामारी के बाद के दौर में तीव्र प्रगति का आधार तैयार करता है।’’
महिंद्रा समूह के प्रमुख आनंद महिंद्रा ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘संक्षिप्तता हमेशा ही एक खासियत रही है। सीतारमण का यह सबसे छोटा बजट भाषण सर्वाधिक प्रभावी साबित हो सकता है।’’
बायोकॉन की कार्यकारी चेयरपर्सन किरण मजूमदार शॉ ने ट्वीट में कहा, ‘‘राजकोषीय सूझबूझ और कारोबारी सुगमता इसका केंद्रबिंदु है। पूंजीगत व्यय में 35 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव ढांचागत विकास एवं रोजगार को समर्थन देगा। यह ऐसा सकारात्मक आख्यान है जिसमें कोई नकारात्मक आश्चर्य नहीं है। यह एक संतुलित बजट है।’’
आरपीजी एंटरप्राइजेज के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने ट्वीट में कहा, ‘‘आज का बजट पूंजीगत व्यय, डिजिटल क्षेत्र एवं कल्याण पर केंद्रित है, मैं भविष्य की स्पष्ट कल्पना कर सकता हूं।’’
हिंदुजा समूह के सह-चेयरमैन गोपीचंद हिंदुजा ने इस बजट को अगले 25 वर्षों के लिए भारत की वृद्धि का आर्थिक खाका तैयार करने की कोशिश बताया। हालांकि उन्होंने कहा कि उठाए गए कदमों की सफलता इस पर निर्भर करेगी कि सरकार क्रियान्वयन पर कितनी क्षमता से काम करती है।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, ‘‘भारतीय उद्योग जगत निवेश प्रोत्साहन, रोजगार सृजन, कारोबारी सुगमता बढ़ाने, कर स्थिरता कायम रखने और नीतिगत व्यवस्था में निश्चितता से जुड़ी प्रतिबद्धता का स्वागत करता है। बजट में सुनियोजित एवं विवेकपूर्ण कदमों की घोषणा की गई है।’’
एसोचैम ने भी बजट को कई सकारात्मक एवं नवाचारी कदमों से भरपूर बताते हुए कहा कि पूंजीगत व्यय में जोरदार वृद्धि का प्रस्ताव काफी उल्लेखनीय कदम है। केंद्र एवं राज्यों का सम्मिलित पूंजीगत व्यय 10.68 लाख करोड़ रुपये किए जाने की घोषणा बजट में की गई है।
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एवं इंडस्ट्री के अध्यक्ष प्रदीप मुल्तानी ने कहा कि देश की आजादी के 75वें वर्ष से लेकर 100वें वर्ष तक के 'अमृत काल' में यह बजट अर्थव्यवस्था को एक ब्लू-प्रिंट देगा और बुनियाद मजबूत होगी।
एस्सार पोर्ट्स के प्रबंध निदेशक राजीव अग्रवाल ने कहा कि पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के जरिये यह बजट महामारी के दौर में आर्थिक पुनरुद्धार को गति देगा।
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