अहमदाबाद, 31 मई गुजरात उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट के आधार पर मरीजों की कुछ श्रेणियों के लिए सरकारी स्वास्थ्य अधिकारियों की पूर्व अनुमति की आवश्यकता के बिना निजी प्रयोगशालाओं को कोविड-19 की जांच करने की अनुमति दे दी है।
अदालत ने कहा कि बाकी मरीजों के लिए 24 घंटे के भीतर सरकार की मंजूरी मुहैया करायी जानी चाहिए।
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अहमदाबाद मेडिकल एसोसिएशन ने अपनी याचिका में अदालत से अनुरोध किया था कि आवश्यक बुनियादी ढांचा वाले सभी निजी प्रयोगशालाओं और अस्पतालों को सरकार से पूर्व अनुमति के बिना कोविड-19 के लिए आरटीपीसीआर जांच करने की अनुमति दी जाए।
मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की खंडपीठ ने कोरोना वायरस से संबंधित एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया। अदालत ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया था।
अदालत ने कहा कि मरीजों की वे श्रेणियां, जैसा (राज्य सरकार की तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट में) कहा गया है, हमारी राय में जीएमईआरएस, अहमदाबाद के अधीक्षक या अन्य जिलों के डीएचओ की मंजूरी के लिए जोर नहीं दिया जाएगा, लेकिन कोविड-19 का परीक्षण बिना किसी देरी के किया जाना चाहिए और केवल ऐसे रोगियों के बारे में संबंधित अधिकारियों को सूचित किया जा सकता है।
तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट के अनुसार, कैंसर कीमो थेरेपी, रेडियो थेरेपी और हेमोडायलिसिस वाले रोगियों का परीक्षण किया जाना चाहिए। इसके अलावा निरुद्ध क्षेत्र में स्थित अस्पतालों में प्रसव के लिए भर्ती सभी गर्भवती महिलाओं की भी जांच करायी जानी चाहिए।
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