नयी दिल्ली, 26 दिसंबर हिंदू धार्मिक ग्रंथ भगवद गीता पर चार मूल्यवर्धन पाठ्यक्रम पेश करने के दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के प्रस्ताव ने विवाद पैदा कर दिया है और कुछ शिक्षकों ने इस कदम की आलोचना की है।
विश्वविद्यालय की मूल्य संवर्धन समिति ने प्रस्ताव को मंजूरी के लिए सिफारिश पेश की है।
सभी छात्रों के वास्ते विकल्प चुनने के लिए डिजाइन किए गए इन पाठ्यक्रमों का उद्देश्य जीवन के विभिन्न पहलुओं में गीता की शिक्षाओं के विषयगत अनुप्रयोगों में गहरी अंतर्दृष्टि प्रदान करना है।
पाठ्यक्रमों का शीर्षक ‘समग्र जीवन के लिए गीता’, ‘सतत ब्रह्मांड के लिए गीता’, ‘गीता के माध्यम से नेतृत्व उत्कृष्टता’ और ‘गीता : जीवन की चुनौतियों का समाधान’ है।
इसके अलावा, डीयू ने जनजातीय अध्ययन केंद्र से स्नातक स्तर पर भारत में जनजातियों पर दो सामान्य वैकल्पिक पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना बनाई है।
डीयू की अकादमिक परिषद 27 दिसंबर को अपनी बैठक के दौरान प्रस्तावों की समींसी न्यूज