मुख्यमंत्री यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में ‘अनलॉक’ व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे । उन्होंने निर्देश दिए कि कोविड एवं गैर कोविड चिकित्सालयों के कार्यों की निरन्तर निगरानी की जाए । इन अस्पतालों से लगातार संवाद बनाकर चिकित्सा व्यवस्था को सुदृढ़ रखा जाए ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘रैपिड एन्टीजेन’ जांच को बढ़ाने की आवश्यकता है । इस विधि को अपनाकर कम समय में नमूनों के जांच परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं । उन्होंने जांच क्षमता में वृद्धि के लिए लगातार प्रयास किए जाने के भी निर्देश दिए ।
उन्होंने कहा कि मेडिकल इंफेक्शन को रोकने के लिए चिकित्साकर्मियों को सभी सावधानियों की जानकारी उपलब्ध कराई जाए । इसके लिए डॉक्टरों तथा अन्य चिकित्साकर्मियों का प्रशिक्षण लगातार संचालित किया जाए । मेडिकल टीम को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए पीपीई किट, एन-95 मास्क, दस्ताने एवं सैनेटाइजर आदि की सुचारु व्यवस्था रखी जाए । पुलिस तथा पीएसी के कार्मिकों को संक्रमण से बचाने के लिए सभी सावधानियां बरती जाए ।
कोविड-19 के संक्रमण को नियंत्रित करने में बेहतर निगरानी की उपयोगिता का उल्लेख करते हुए योगी ने कहा कि शहरी और ग्रामीण इलाकों में निगरानी समितियों को सक्रिय रखा जाए । स्क्रीनिंग टीम के माध्यम से मेडिकल स्क्रीनिंग का कार्य प्रभावी ढंग से संचालित किया जाए । इसके लिए टीम को ‘इंफ्रारेड थर्मामीटर’ तथा ‘पल्स ऑक्सीमीटर’ उपलब्ध कराए जाएं ।
उन्होंने पुलिस गश्त पर भी जोर दिया और कहा कि बाजारों, चौराहों आदि में नियमित तौर पर पैदल गश्त से सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी भीड़ एकत्र न हो । सामाजिक दूरी का पूरी तरह पालन कराया जाए तथा लोग मास्क का अवश्य उपयोग करें ।
योगी ने वृद्धाश्रम, महिला संरक्षण गृह तथा बालगृह में भी जांच कराते हुए संक्रमण को नियंत्रित करने के निर्देश दिए ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आकाशीय बिजली की आपदा से सुरक्षित रखने के उपायों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए । इस सम्बन्ध में बरती जाने वाली सावधानियों की जानकारी लोगों को बताई जाए । उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से जनहानि को रोका जा सकेगा । उन्होंने गौवंश के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देश भी दिए ।
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