नयी दिल्ली, 13 जुलाई सरकार एक समझौते के जरिए महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) का संचालन बीएसएनएल को सौंपने के विकल्प पर विचार कर रही है।
मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि सरकार विलय की जगह इस विकल्प पर विचार कर रही है। इस पर अंतिम फैसला एक महीने में लिए जाने की संभावना है।
सूत्र ने बताया कि कर्ज में डूबी एमटीएनएल का संचालन एक समझौते के जरिए भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को सौंपने के विकल्प पर विचार किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि एमटीएनएल के भारी कर्ज को देखते हुए बीएसएनएल के साथ विलय अनुकूल विकल्प नहीं है। फैसला लिए जाने के बाद प्रस्ताव सचिवों की समिति के सामने रखा जाएगा और उसके बाद मंत्रिमंडल इस बारे में अंतिम निर्णय लेगी।
एमटीएनएल ने बढ़ते वित्तीय संकट के बीच इस सप्ताह शेयर बाजार को दी सूचना में कहा था कि वह अपर्याप्त फंड के कारण कुछ बॉन्डधारकों को ब्याज का भुगतान करने में असमर्थ है। यह ब्याज 20 जुलाई 2024 को देय है।
एमटीएनएल, दूरसंचार विभाग और बीकन ट्रस्टीशिप लिमिटेड के बीच हस्ताक्षरित त्रिपक्षीय समझौते (टीपीए) के अनुसार एमटीएनएल को देय तिथि से 10 दिन पहले एस्क्रो खाते में पर्याप्त राशि के साथ अर्धवार्षिक ब्याज का भुगतान करना होगा।
एमटीएनएल ने कहा कि टीपीए के प्रावधानों के मद्देनजर, यह सूचित किया जाता है कि अपर्याप्त फंड के कारण, एमटीएनएल एस्क्रो खाते में पर्याप्त राशि जमा नहीं कर सकी है।
एमटीएनएल दिल्ली और मुंबई में दूरसंचार सेवाएं देती है, जबकि बीएसएनएल दिल्ली और मुंबई को छोड़कर पूरे भारत में परिचालन करती है।
रिलायंस जियो और भारती एयरटेल जैसी निजी दूरसंचार कंपनियों ने पिछले कुछ महीनों में अपने ग्राहकों की संख्या में वृद्धि की है, लेकिन एमटीएनएल का ग्राहक आधार घट रहा है।
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