नयी दिल्ली, 30 जुलाई केन्द्र ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि पूर्वी दिल्ली के आनंद विहार में स्मॉग टावर लगाने के लिये सहमति पत्र तैयार हो गया है और इस पर सभी हितधारक हस्ताक्षर करेंगे।
सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि बुधवार की सुनवाई के बाद केन्द्र ने आईआईटी, मुंबई और केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित अन्य से संपर्क किया और अब सहमति पत्र तैयार हो गया है।
शीर्ष अदालत को बुधवार को बताया गया था कि पूर्वी दिल्ली के आनंद विहार में स्मॉग टावर परियोजना से आईआईटी मुंबई पीछे हट गया है। न्यायालय ने इस घटनाक्रम पर निराशा व्यक्त की थी।
पीठ ने इस पर कहा था कि उसे न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करने और पीछे हटने के मामले में आईआईटी, मुंबई और संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ेगी क्योंकि यह आदेश उसी के आधार पर दिया गया था।
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से तुषार मेहता ने जब पीठ को सहमति पत्र के बारे में जानकारी दी तो उसने जानना चाहा कि इस परियोजना को तीन महीने के भीतर पूरा करने के 13 जनवरी के उसके आदेश का अनुपालन क्यों नहीं हुआ था।
पीठ ने मेहता से कहा, ‘‘जब आदेश में यह कहा गया था कि इसे तीन महीने के भीतर पूरा करना होगा तो इसका अनुपालन क्यों नहीं हुआ?
पीठ ने यह सहमति पत्र रिकार्ड पर लाने का निर्देश देने के साथ ही मेहता से इस परियोजना के लिये धन और इसे पूरा करने की समय सीमा के बारे में कुछ सवाल पूछे।
मेहता ने कहा कि इन स्मॉग टावर को लगाने की परियोजना पूरी होने में करीब 10 महीने का समय लगेगा।
मेहता ने जब यह कहा कि अमेरिका के मिन्नेसोटा से स्मॉग टावर की प्रौद्योगिकी प्राप्त की जायेगी तो पीठ ने परियोजना के विलंब पर सवाल किये और कहा कि उसके आदेशों का उल्लंघन किया गया है।
न्यायालय ने मेहता को निर्देश दिया कि इस परियोजना, इसकी प्रौद्योगिकी के सारे विवरण के साथ इस मामले में हलफनामा दाखिल किया जाये। न्यायालय ने कहा कि इस मामले में किसी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
पीठ ने इसके साथ ही इस मामले की सुनवाई को चार अगस्त के लिये सूचीबद्ध कर दिया।
पूर्वी दिल्ली के आनंद विहार में स्मॉग टावर परियोजना से आईआईटी, मुंबई के पीछे हटने की जानकारी मिलने पर उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को इस पर निराशा प्रकट की थी और कहा था कि इस तरह की प्रतिष्ठित संस्था से ऐसी अपेक्षा नहीं थी।
शीर्ष अदालत ने इस साल 13 जनवरी को अपने आदेश में कहा था कि आनंद विहार में स्मॉग टावर लगाये जायें और इस परियोजना को तीन महीने में पूरा किया जाये।
शीर्ष अदालत ने दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को लेकर चल रही सुनवाई के दौरान स्मॉग टावर लगाने के बारे में आदेश दिया था।
अनूप
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