ताजा खबरें | कांग्रेस बजट का 15 प्रतिशत अल्पसंख्यकों को आवंटित करना चाहती है, मैं नहीं होने दूंगा: मोदी

नासिक, 15 मई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह केंद्र सरकार के बजट का 15 प्रतिशत हिस्सा अल्पसंख्यकों को आवंटित करना चाहती है। इसके साथ ही उन्होंने धर्म के आधार पर बजट को बांटने और नौकरियों या शिक्षा में आरक्षण की अनुमति नहीं देने का संकल्प लिया।

उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 के बीच केंद्र में सत्ता में रहने के दौरान कांग्रेस ने बजट का 15 प्रतिशत अल्पसंख्यकों पर खर्च करने की योजना बनाई थी जो कि उसका ‘पसंदीदा वोट बैंक’ है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कड़े विरोध के कारण उसने प्रस्ताव छोड़ दिया।

उत्तर महाराष्ट्र में नासिक जिले के पिंपलगांव बसवंत में महायुति उम्मीदवारों केंद्रीय मंत्री भारती पवार (भाजपा) और हेमंत गोडसे (शिवसेना) के समर्थन में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बजट को धार्मिक आधार पर बांटना एक खतरनाक विचार है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देते हैं। लेकिन कांग्रेस धर्म के आधार पर बजट का बंटवारा और वितरण चाहती है। उन्होंने धर्म के आधार पर देश को बांटा और आज भी वह यही कर रहे हैं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान निर्माता बाबासाहेब आंबेडकर नौकरियों और शिक्षा में धर्म आधारित आरक्षण के सख्त खिलाफ थे।

उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं (गुजरात का) मुख्यमंत्री था तो कांग्रेस (तत्कालीन संप्रग सरकार) ने अल्पसंख्यकों के लिए बजट का 15 प्रतिशत आवंटित करने का प्रस्ताव रखा था। भाजपा ने इस कदम का कड़ा विरोध किया और इसलिए इसे लागू नहीं किया जा सका। लेकिन कांग्रेस (अगर सत्ता में आई तो) इस खतरनाक प्रस्ताव को फिर से लाना चाहती है ।’’

उद्धव ठाकरे नीत पार्टी पर हमला बोलते हुए भाजपा नेता ने कहा कि ‘नकली शिवसेना’ ने कांग्रेस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार का नाम लिए बिना मोदी ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन के एक नेता को पता है कि कांग्रेस बुरी तरह हार रही है। इसलिए उन्होंने सुझाव दिया कि छोटे दलों का कांग्रेस में विलय कर देना चाहिए ताकि इसे मुख्य विपक्षी दल का दर्जा मिल सके।’’

उन्होंने कहा कि ‘नकली’ शिवसेना और ‘नकली’ राकांपा (शरद पवार की अगुवाई वाली पार्टी का जिक्र करते हुए) का कांग्रेस में विलय निश्चित है।

उन्होंने कहा, ‘‘छोटे दलों का कांग्रेस में विलय निश्चित है। जब शिवसेना (उद्धव की अध्यक्षता वाली शिवसेना यूबीटी का जिक्र करते हुए) का विलय होगा, तो मुझे बालासाहेब ठाकरे के शब्द याद आएंगे कि अगर शिवसेना कांग्रेस की तरह हो गई तो वह अपनी पार्टी को बंद कर देंगे। अब नकली शिवसेना का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। नकली शिवसेना ने बालासाहेब ठाकरे के सारे सपने कुचल दिए हैं।’’

मोदी ने कहा कि भाजपा के सहयोगी दिवंगत बाल ठाकरे ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने और जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को समाप्त करने का सपना देखा था।

उन्होंने कहा, ‘‘सपना पूरा हो गया है, लेकिन नकली शिवसेना परेशान है। कांग्रेस ने ‘प्राण प्रतिष्ठा’ (राम मंदिर) के निमंत्रण को खारिज कर दिया और नकली शिवसेना ने भी यही रास्ता अपनाया।’’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता अयोध्या में राम मंदिर में होने वाले धार्मिक रिवाजों की आलोचना कर रहे हैं लेकिन नकली शिवसेना चुप है।

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस वीर सावरकर (हिंदुत्व विचारक) को गाली देती है, लेकिन नकली शिवसेना कांग्रेस का समर्थन कर रही है। नकली शिवसेना ने पूरी तरह से कांग्रेस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। महाराष्ट्र के लोगों ने इस शिवसेना को दंडित करने का फैसला किया है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में उनकी सरकार ने धर्म की परवाह किए बिना हर किसी को मुफ्त राशन, पानी, बिजली, घर और गैस कनेक्शन प्रदान किए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आंबेडकर धर्म आधारित आरक्षण के खिलाफ थे लेकिन कांग्रेस अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण के अधिकार छीनकर मुसलमानों को देना चाहती है।

उन्होंने कहा, ‘‘मोदी, समाज के वंचित तबकों के अधिकारों का चौकीदार है और कांग्रेस को उनके अधिकार कभी छीनने नहीं देगा। मोदी बजट का बंटवारा या आरक्षण धर्म के आधार पर नहीं होने देगा।’’

मोदी ने कहा कि मौजूदा लोकसभा चुनाव केवल सांसदों को चुनने के लिए नहीं है बल्कि एक ऐसा प्रधानमंत्री चुनने के लिए है जो देश के लिए कड़े फैसले लेता है।

उन्होंने कहा कि चुनाव के पहले चार चरणों के मतदान के रुख से पता चलता है कि भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को मतदाताओं से प्रचंड जनादेश मिलन">