देश की खबरें | कांग्रेस ने लिया ‘संगठन सृजन’ का संकल्प, आंबेडकर और संविधान के मुद्दे पर चलाएगी राष्ट्रव्यापी अभियान

बेलगावी (कर्नाटक), 26 दिसंबर कांग्रेस ने महात्मा गांधी से ऐतिहासिक रूप से जुड़ी सरजमीं बेलगावी से बृहस्पतिवार को ‘संगठन सृजन’ की तत्काल शुरुआत करने का संकल्प लिया और कहा कि बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के ‘‘अपमान’’ तथा संविधान पर हमले के मुद्दे को गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करेगी।

कांग्रेस ने यहां अपनी कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के बाद कहा कि 13 महीनों तक चलने वाले उसके अभियान के तहत पदयात्राएं करने के साथ ही ब्लॉक, जिला तथा प्रदेश स्तर पर संगोष्ठियों एवं जनसभाओं का आयोजन होगा।

कार्य समिति ने गृह मंत्री अमित शाह के बाबासाहेब आंबेडकर को लेकर दिए गए हालिया बयान की निंदा की और कहा कि शाह को इस्तीफा देने के साथ ही देश से माफी मांगनी चाहिए।

पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अगुवाई में विस्तारित कार्य समिति की बैठक उसी स्थान पर हुई जहां 1924 के कांग्रेस अधिवेशन में महात्मा गांधी को पार्टी अध्यक्ष चुना गया था। कांग्रेस ने उस ऐतिहासिक दिन के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर कार्य समिति की बैठक का आयोजन किया। उसने कार्य समिति की बैठक को ‘नव सत्याग्रह बैठक’ नाम दिया था।

करीब चार घंटे तक चली इस बैठक में खरगे के अलावा लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल और जयराम रमेश समेत 130 से अधिक नेता शामिल हुए।

कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी इस बैठक में शामिल नहीं हो सकीं। उन्होंने एक लिखित संदेश में अफसोस जताया।

कार्य समिति की बैठक के बाद पारित प्रस्ताव में ‘एक देश-एक चुनाव’ संबंधी विधेयक, मंदिर-मस्जिद विवाद, मणिपुर की स्थिति, चीन के साथ सीमा समझौते, अर्थव्यवस्था की स्थिति और कुछ अन्य मुद्दों का उल्लेख करते हुए सरकार पर निशाना साधा गया है।

प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा संसद में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का अपमान संविधान को कमजोर करने के आरएसएस-भाजपा के दशकों पुराने ‘प्रोजेक्ट’ का सबसे ताजा उदाहरण है। कार्य समिति केंद्रीय गृह मंत्री के इस्तीफे के साथ-साथ देश से माफी मांगने की मांग दोहराती है।’’

खरगे ने कार्य समिति की बैठक में अपने अध्यक्षीय संबोधन में बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के कथित अपमान के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर फिर निशाना साधा और कहा कि उनकी पार्टी महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू की विचारधारा तथा बाबासाहेब के सम्मान के लिए आखिरी दम तक लड़ेगी।

उन्होंने कार्य समिति की बैठक में यह भी कहा कि चुनावी प्रक्रिया में लोगों का विश्वास धीरे-धीरे कम होता जा रहा है क्योंकि निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठने लगे हैं।

उन्होंने राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह के भाषण का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हमने संसद सत्र में संविधान पर हो रही चर्चा के दौरान डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर के बारे में गृह मंत्री का घोर अपमानजनक बयान सुना। हमने आपत्ति दर्ज की, विरोध जताया, प्रदर्शन किया। अब तो पूरे देश में प्रदर्शन हो रहा है।’’

खरगे ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार गलती मानने को तैयार नहीं है तथा अमित शाह से माफी और इस्तीफा लेना तो दूर, उलटा आपत्तिजनक बयान का समर्थन किया।

सोनिया गांधी ने अपने लिखित संदेश में आरोप लगाया कि देश की सत्ता में बैठे लोगों से महात्मा गांधी की विरासत को खतरा है।

उन्होंने इन ताकतों का मुकाबला करने के लिए अपने संकल्प को फिर से दोहराने का आह्वान भी किया।

पार्टी की कार्य समिति की बैठक के बाद कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि बैठक में दो प्रस्ताव भी पारित किए गए जिनमें एक प्रस्ताव महात्मा गांधी पर और दूसरा राजनीतिक है।

वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘वर्ष 2025 का साल संगठन सृजन का होगा। हम व्यापक संगठनात्मक सुधार करेंगे। यह काम तत्काल शुरू होगा।’’

कार्य समिति में कांग्रेस संगठन में सुधार की जरूरत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘यह स्वीकार करते हुए कि संगठनात्मक बदलाव एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है, इसे अब तेज और तीव्र किया जाना चाहिए।

प्रस्ताव के मुताबिक, कार्य समिति अगले 100 दिन के भीतर होने वाले ‘संगठन सृजन’ कार्यक्रम के लिए कांग्रेस अध्यक्ष की पहल की सराहना करती है।

कार्य समिति ने यह भी कहा, ‘‘कांग्रेस ‘जय भीम जय संविधान’ अभियान शुरू करेगी। इस अभियान की शुरुआत 27 दिसंबर को बेलगावी में एक रैली से होगी। इसका समापन 26 जनवरी, 2025 को - संविधान लागू होने और गणतंत्र की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ पर - महू में एक रैली से होगा।’’

प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘महात्मा गांधी की विरासत के साथ-साथ संविधान को संरक्षित और बढ़ावा देने की आवश्यकता को देखते हुए, यह आंदोलन 26 जनवरी, 2025 से आगे भी बढ़ेगा।’’

बैठक में यह फैसला भी किया गया है कि अप्रैल 2025 के पहले या दूसरे हफ़्ते में गुजरात में कांग्रेस का सत्र आयोजित किया जाएगा।

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