बेंगलुरु, 23 अगस्त कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया ने मंगलवार को कहा कि जिला प्रशासन द्वारा कोडागु में निषेधाज्ञा लगाए जाने के मद्देनजर उनकी पार्टी ने जिला पुलिस मुख्यालय की घेराबंदी के अपने कार्यक्रम को “स्थगित” करने का फैसला किया है क्योंकि सरकारी आदेश की अवहेलना नहीं की जानी चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी आगे की कार्रवाई पर चर्चा कर फैसला लेगी।
सिद्धरमैया ने कहा, “संविधान के अनुसार आंदोलन की स्वतंत्रता का अधिकार है, लेकिन एक साजिश के तहत उन्होंने (भाजपा) इसे कुचलने की कोशिश की है। उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक ने धारा 144 लगाई है...हम इसका विरोध कर प्रदर्शन कर सकते हैं, लेकिन नेता विपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते मैं कानून का उल्लंघन नहीं करना चाहता, पार्टी कानून का उल्लंघन नहीं करना चाहती।”
यहां संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदर्शन पार्टी का कार्यक्रम था व्यक्तिगत नहीं, इसलिए प्रदेश अध्यक्ष और नेताओं से चर्चा के बाद इसे स्थगित करने का फैसला किया गया।
उन्होंने कहा, “हमें सरकार के आदेशों की अवहेलना नहीं करनी चाहिए, इसलिए हमने इसे स्थगित कर दिया है। नेताओं से चर्चा के बाद आगे की कार्रवाई पर फैसला करेंगे।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा ने कांग्रेस के विरोध को दबाने के लिए दुर्भावनापूर्ण इरादे से ‘जन जागृति समावेश’ की घोषणा की थी।
कोडागु जिला प्रशासन ने जिले में 24 अगस्त को सुबह छह बजे से 27 अगस्त की शाम छह बजे के बीच निषेधाज्ञा लागू कर दी है। इस प्रकार प्रशासन ने कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 'जन जागृति समावेश' को अनुमति देने से इनकार कर दिया है। दोनों कार्यक्रम 26 अगस्त को होने थे।
कोडागु में 18 अगस्त को सिद्धरमैया की यात्रा के दौरान उनकी कार पर अंडे फेंकने और काले झंडे लहराए जाने की घटनाओं के विरोध में उन्होंने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ 26 अगस्त को कोडागु में पुलिस अधीक्षक के कार्यालय का घेराव करने की योजना बनाई थी।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)