देश की खबरें | ‘अदाणी रिश्वत मामले’ में ओडिशा की भाजपा सरकार की चुप्पी पर कांग्रेस का सवाल, न्यायिक जांच की मांग

भुवनेश्वर, नौ दिसंबर ओडिशा में विपक्षी कांग्रेस ने सोमवार को कथित अदाणी रिश्वत मामले पर राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया, जिसमें अमेरिका की एक अदालत ने राज्य का नाम लिया है।

कांग्रेस विधायक दल के नेता रामचंद्र कदम ने यह मुद्दा शून्यकाल के दौरान उठाया और सवाल किया, ‘‘राज्य सरकार की चुप्पी के पीछे क्या कारण है? आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ सरकारें पहले ही अपना रुख स्पष्ट कर चुकी हैं, लेकिन ओडिशा सरकार ने अभी तक इस मुद्दे पर अपना मुंह नहीं खोला है।’’

इस मामले की न्यायिक जांच की मांग करते हुए कदम ने कहा, ‘‘तत्कालीन सरकार ने राज्य के कुछ अधिकारियों को कथित तौर पर रिश्वत दिये जाने के बाद अदाणी समूह से अधिक कीमत पर हरित बिजली खरीदी थी।’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘ओडिशा सरकार की चुप्पी के पीछे क्या कारण हो सकता है? यह अदाणी-मोदी भाई-भाई के रिश्ते के कारण हो सकता है।’’

कांग्रेस के सचेतक सी. एस. राजेन एक्का ने भी इसी तरह की मांग की और कहा, ‘‘हालांकि ओडिशा सरकार द्वारा संचालित सार्वजनिक उपक्रम ग्रिडको ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसईसीआई) के माध्यम से अदाणी से 500 मेगावाट हरित बिजली खरीदने के प्रस्ताव को शुरू में खारिज कर दिया था, लेकिन बाद में राज्य निगम सहमत हो गया।’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘शुरुआती इनकार और बाद में समझौते को स्वीकार करने के पीछे क्या कारण था?’’

कांग्रेस विधायकों ने शनिवार को भी यही मुद्दा उठाया था और ओडिशा सरकार के उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, जिन पर ‘ग्रीन एनर्जी’ की खरीद के लिए कथित सौदे में अदाणी समूह से कथित तौर पर रिश्वत लेने का आरोप है।

कदम ने आरोप लगाया, ‘‘सबसे बड़ी बात यह है कि राज्य के लोगों के साथ धोखा हुआ है, क्योंकि कंपनी और कुछ सरकारी अधिकारियों के बीच एक गुप्त सौदा हुआ था।’’

अदाणी समूह के संस्थापक एवं चेयरमैन गौतम अदाणी और उनके भतीजे सागर को अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) ने उन पर लगे आरोपों पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए तलब किया है। अदाणी और उनके भतीजे पर अनुकूल सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए आंध्र प्रदेश और ओडिशा में राज्य सरकारों के अज्ञात अधिकारियों को 26.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर (2,200 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने में शामिल होने का आरोप है। हालांकि अदाणी समूह ने आरोपों को खारिज किया है।

दस्तावेज में यह भी कहा गया है कि केंद्र सरकार की इकाई सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसईसीआई), जिसने मूल रूप से सौर विनिर्माण से जुड़ी बिजली निविदा प्रदान की थी, ने जुलाई 2021 और दिसंबर 2021 के बीच आंध्र प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु के साथ बिक्री समझौते किए।

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