ताजा खबरें | भाजपा के आरोपों को लेकर लोकसभा में कांग्रेस का विरोध, कार्यवाही बाधित

नयी दिल्ली, छह दिसंबर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आरोपों को लेकर सोमवार को लोकसभा में कांग्रेस सदस्यों के विरोध जताने के कारण सदन की कार्यवाही आरंभ होने के एक मिनट के भीतर ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर कांग्रेस और कुछ सहयोगी दलों के सदस्यों ने भाजपा के आरोपों से जुड़े विषय को उठाने का प्रयास किया, हालांकि आसन से इसकी अनुमति नहीं मिली।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कांग्रेस सदस्यों से सदन चलने देने की अपील की।

बिरला ने कहा, ‘‘प्रश्नकाल का महत्वपूर्ण समय होता है। मेरा आपसे आग्रह है कि प्रश्नकाल चलने दें। प्रश्नकाल में किसी विषय को नहीं उठाया जाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘देश चाहता है कि सदन चले। आप सदन में गतिरोध पैदा करना चाहते हैं।’’

कांग्रेस सदस्यों का विरोध जारी रहने पर बिरला ने सदन की कार्यवाही शुरू होने के एक मिनट के भीतर इसे दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने गत बृहस्पतिवार को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस समेत विपक्षी दलों पर विदेशी संगठनों और लोगों के माध्यम से देश की संसद, सरकार तथा अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया, जिस पर भारी हंगामा हुआ और सदन की कार्यवाही बाधित हुई थी।

कांग्रेस ने सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद दुबे और भारतीय जनता पार्टी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा था कि जब अदाणी समूह के ‘‘भ्रष्टाचार’’ का मुद्दा उठाया जाता है तो ‘‘अदाणी के एजेंट’’ और ‘‘स्लीपर सेल’’ सदन में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी तथा विपक्ष के बारे में अपमानजनक बातें करते हैं।

कांग्रेस नेताओं ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात कर उनसे यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया था कि दुबे अपने शब्द वापस लें और माफी मांगें।

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने बृहस्पतिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया था कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भारत को अस्थिर करने का प्रयास कर रही खोजी मीडिया समेत अंतरराष्ट्रीय ताकतों के साथ संबंध रखते हैं और वह देशद्रोही हैं।

कांग्रेस सांसद हिबी ईडेन ने पात्रा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है।

भाजपा ने रविवार को आरोप लगाया था कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का संबंध जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन द्वारा वित्तपोषित एक संगठन से है, जिसने कश्मीर के एक स्वतंत्र राष्ट्र के विचार का समर्थन किया है।

हक

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