मुंबई, 27 मार्च कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई ने भिवंडी, मुंबई दक्षिण-मध्य और सांगली लोकसभा सीट के लिए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) द्वारा अपने उम्मीदवारों की घोषणा किये जाने पर आपत्ति जताते हुए बुधवार को कहा कि महाविकास आघाडी (एमवीए) के घटक दलों को ‘‘गठबंधन धर्म’’ का पालन करना चाहिए।
महाराष्ट्र में कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने शिवसेना (यूबीटी) से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया। हालांकि, उनकी पार्टी के सहयोगी संजय निरुपम ने अधिक आक्रामक रुख अपनाते हुए उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को मुंबई की अधिकतर सीटें ‘हथियाने’ की अनुमति देने के लिए कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधा।
एमवीए के घटक- कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार)- महाराष्ट्र में 48 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए सीट-बंटवारे पर चर्चा कर रहे हैं। महाराष्ट्र में 19 अप्रैल से पांच चरणों में लोकसभा चुनाव होंगे।
सीट बंटवारों को लेकर जारी बातचीत के बीच, शिवसेना (यूबीटी) ने आगामी चुनावों के लिए पूर्वाह्न में 17 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी की और कहा कि वह राज्य में कुल 22 सीट पर चुनाव लड़ेगी।
कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने कहा कि घोषणा सही नहीं है।
थोराट ने कहा, ‘‘सभी को गठबंधन धर्म का पालन करना चाहिए। शिवसेना (यूबीटी) को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब भी सांगली, भिवंडी और मुंबई दक्षिण-मध्य से चुनाव लड़ने पर अड़ी हुई है। उन्होंने कहा, ''दुर्भाग्य से गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया गया।''
थोराट ने कहा कि उनकी पार्टी की राज्य इकाई ने केंद्रीय नेतृत्व को घटनाक्रम से अवगत करा दिया है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने इस बात पर भी अफसोस जताया कि वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) नेता प्रकाश आम्बेडकर ने उम्मीदवारों की एक अलग सूची की घोषणा की है।
आम्बेडकर ने बुधवार को महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की और एमवीए सहयोगियों पर वंशवाद की राजनीति को बढ़ावा देने के लिए उनके संगठन का इस्तेमाल करने की कोशिश का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘देश में मौजूदा राजनीतिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने लोकतंत्र और संविधान में विश्वास करने वाले सभी दलों तक पहुंचने का वास्तविक प्रयास किया।’’
इस बीच, मुंबई कांग्रेस के पूर्व प्रमुख संजय निरुपम ने मुंबई में शिवसेना (यूबीटी) को अधिकतर सीटें हथियाने की अनुमति देने के लिए अपनी पार्टी के नेतृत्व की आलोचना की।
निरुपम ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उनके सामने सभी विकल्प खुले हैं। उन्होंने कहा, ''मैं एक हफ्ते तक इंतजार करूंगा और फिर फैसला लूंगा।''
मुंबई (उत्तर-पश्चिम) संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने के इच्छुक निरुपम ने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने पिछले एक पखवाड़े में उनसे कोई संपर्क नहीं किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘नेतृत्व को इसकी चिंता नहीं है कि उसके नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय हो रहा है। शिवसेना (यूबीटी) हमें झुका रही है और हम ऐसा कर रहे हैं।’’
निरुपम ने मुंबई की छह में से चार सीट पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा करने के लिए शिवसेना (यूबीटी) की आलोचना की। उन्होंने दावा किया, ''संभावना है कि कल पांचवीं सीट के लिए भी उम्मीदवार की घोषणा कर दी जायेगी।''
उन्होंने आरोप लगाया कि मुंबई में कांग्रेस को ''दफनाने'' की कोशिश की जा रही है और पार्टी को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा, ''मैं अपने नेताओं को निर्णय लेने के लिए एक सप्ताह का समय देता हूं।''
निरुपम ने दावा किया कि शिवसेना (यूबीटी) ने मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट से ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया है, जो कोविड-19 महामारी के दौरान एक कथित घोटाले का आरोपी है।
उन्होंने पूछा, ‘‘मैं ऐसे उम्मीदवार के लिए प्रचार नहीं करूंगा। क्या भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने वाले कांग्रेस नेतृत्व को इसका एहसास नहीं था।'' शिवसेना (यूबीटी) ने मुख्यमंत्री (एकनाथ) शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के प्रति निष्ठा रखने वाले पार्टी सांसद गजानन कीर्तिकर के बेटे अमोल कीर्तिकर को मुंबई (उत्तर-पश्चिम) से उम्मीदवार बनाया है।
शिवसेना (यूबीटी) द्वारा मुंबई (उत्तर-मध्य) में भी उम्मीदवार घोषित किये जाने की संभावना है, जिसके उपरांत महानगर में कांग्रेस के लिए केवल मुंबई (उत्तर-मध्य) सीट ही बच जाएगी।
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