नयी दिल्ली, 20 मार्च कांग्रेस ने उसके खिलाफ कर पुनर्मूल्यांकन की कार्यवाही किए जाने के विरोध में बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया। इस मामले का उल्लेख राजनीतिक दल के वकील ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष किया, जो इसे बृहस्पतिवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर सहमत हुए। पीठ में न्यायमूर्ति मनमीत पी एस अरोरा भी शामिल हैं।
वकील ने कहा कि आयकर विभाग के अधिकारियों ने चार साल का मूल्यांकन फिर से खोला है। साथ ही उन्होंने अदालत से याचिकाओं को बृहस्पतिवार के लिए सूचीबद्ध करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि तीन अलग-अलग वर्षों से संबंधित ऐसी तीन याचिकाएं आज सुनवाई के लिए पहले से ही सूचीबद्ध हैं।
तत्काल सुनवाई का आग्रह स्वीकार करते हुए पीठ ने कहा, “ ठीक है अगर दोपहर साढ़े 12 बजे तक क्रम में है, तो इसे कल के लिए सूचीबद्ध करें।”
हाल में दिल्ली उच्च न्यायालय ने आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था। न्यायाधिकरण ने आयकर विभाग द्वारा कांग्रेस को 100 करोड़ रुपये से अधिक के बकाया कर की वसूली के लिए जारी नोटिस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
आकलन अधिकारी ने आकलन वर्ष 2018-19 के लिए 100 करोड़ रुपये से अधिक की बकाया कर मांग की थी, जब पार्टी की आय 199 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई थी।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)