शिमला, आठ नवंबर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को अल्पाहार परोसने के मामले को लेकर हुए विवाद के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य इकाई के पूर्व प्रमुख सतपाल सत्ती ने शुक्रवार को दावा किया कि कांग्रेस सरकार ‘समोसे की जांच’ का आदेश देकर ‘हंसी का पात्र’ बन गई है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के बजाय चूक वश उनके स्टॉफ को अल्पाहार परोस दिए जाने के मामले ने तब तूल पकड़ लिया जब सीआईडी जांच में इस गलती को “सरकार विरोधी” कृत्य बताया गया।
अपराध अन्वेषण विभाग (सीआईडी) मुख्यालय में 21 अक्टूबर को एक समारोह में भाग लेने गए मुख्यमंत्री को परोसने के लिए लक्कड़ बाजार स्थित एक होटल से समोसे और केक लाया गया था। हालांकि, पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी द्वारा की गई जांच की रिपोर्ट के अनुसार खाने की चीजें समन्वय की कमी के कारण सुरक्षा कर्मचारियों को परोसी गई थीं।
सत्ती ने यहां जारी एक बयान में कहा, ‘‘पुलिस को छोटे-मोटे मामलों पर अपना समय बर्बाद करने के बजाय मुख्यमंत्री कार्यालय से लेकर सचिवालय तक के अनेक घोटालों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इतने छोटे से मामले की जांच कराना और फिर उसे सरकार विरोधी कृत्य बता देना आश्चर्यजनक है। मुझे लगता है कि कांग्रेस सरकार को लोगों की कोई चिंता नहीं है, क्योंकि उनकी मुख्य चिंता यह है कि उनके समारोहों में समोसे कैसे परोसे जा रहे हैं। यह सरकार पूरी तरह विफल हो चुकी है और हंसी का पात्र बन गई है।’’
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने हालांकि दावा किया कि राज्य सरकार ने किसी जांच का आदेश नहीं दिया है और यह सीआईडी का आंतरिक मामला हो सकता है।
चौहान ने कहा, ‘‘इस घटना का सरकार से कोई लेना-देना नहीं है। कुछ लोग सरकार को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं। भाजपा को जिम्मेदार विपक्ष की तरह व्यवहार करना चाहिए।’’
सीआईडी के महानिदेशक रंजन ओझा ने इसे आंतरिक मामला बताते हुए कहा, ‘‘मुख्यमंत्री साइबर अपराध शाखा के लिए डेटा सेंटर की शुरुआत के मौके पर मुख्य अतिथि थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कार्यक्रम के बाद अधिकारी कार्यालय में चाय पी रहे थे, तभी किसी ने पूछा कि समारोह के लिए खाने-पीने का सामान कहां से आया है तो हमने कहा कि पता करो क्या हुआ।’’
ओझा ने कहा, ‘‘न तो हमने कोई नोटिस जारी किया है और न ही कोई स्पष्टीकरण मांगा है। इस मामले का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। हमने सिर्फ स्पष्टीकरण मांगा था कि क्या हुआ था और लिखित रिपोर्ट पेश की गई थी। हमारा किसी के खिलाफ कार्रवाई करने का कोई इरादा नहीं है।’’
इस बीच, भाजपा के मुख्य प्रवक्ता रणधीर शर्मा ने एक बयान में कहा, ‘‘राज्य सरकार को हिमाचल प्रदेश के विकास से कोई सरोकार नहीं है। ऐसा लगता है कि उसका एकमात्र ध्यान ‘मुख्यमंत्री के समोसे’ पर है। यह घटना अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच समन्वय की कमी के साथ-साथ उनकी लापरवाही को भी उजागर करती है।’’
भाजपा प्रवक्ता चेतन ब्रागटा ने एक वीडियो बयान में कहा कि ‘‘समोसा मामले में जांच’’ राज्य सरकार की ‘‘गलत प्राथमिकताओं’’ को दर्शाती है, विशेषकर ऐसे समय में जब आम जनता कई ज्वलंत मुद्दों से जूझ रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दो सालों में विकास कार्य ठप हो गए हैं और मुख्यमंत्री को इन पर ध्यान देना चाहिए, न कि ऐसी छोटी-छोटी बातों पर।’’
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