कांग्रेस अपने बलबूते गोवा विधानसभा चुनाव नहीं जीत सकती: शिवसेना

महाराष्ट्र के गठबंधन प्रयोग को गोवा विधानसभा चुनाव में दोहराने के अपने प्रस्ताव पर कांग्रेस द्वारा उत्साह नहीं दिखाए जाने पर शिवसेना ने चिंता जताई है. शिवसेना के नेता संजय राउत ने बृहस्पतिवार को कहा कि गोवा की राजनीतिक स्थिति ऐसी है कि कांग्रेस यदि अपने बलबूते पर वहां विधानसभा चुनाव लड़ती है तो वह इकाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाएगी.

शिवसेना नेता संजय राउत (Photo Credits ANI)

नयी दिल्ली, 13 जनवरी : महाराष्ट्र के गठबंधन प्रयोग को गोवा विधानसभा चुनाव में दोहराने के अपने प्रस्ताव पर कांग्रेस द्वारा उत्साह नहीं दिखाए जाने पर शिवसेना ने चिंता जताई है. शिवसेना के नेता संजय राउत ने बृहस्पतिवार को कहा कि गोवा की राजनीतिक स्थिति ऐसी है कि कांग्रेस यदि अपने बलबूते पर वहां विधानसभा चुनाव लड़ती है तो वह इकाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाएगी. राउत ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ गोवा में कांग्रेस के केवल तीन विधायक हैं. पार्टी के विधायकों ने सामूहिक रूप से पार्टी छोड़ दी. अहम राजनीतिक दलों के तौर पर हमने (शिवसेना एवं राकांपा) ने कांग्रेस को उसकी इस मुश्किल घड़ी में सहयोग की पेशकश की थी. लेकिन मैं नहीं जानता कि कांग्रेस क्या सोच रही है. यदि वह अपने बलबूते चुनाव लड़ती है तो वह इकाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर सकती.’’

कांग्रेस के गोवा प्रभारी दिनेश गुंडूराव, कांग्रेस विधायक दल के नेता दिगंबर कामत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश चूडांकर के साथ एक दौर की बातचीत कर चुके राउत ने कहा कि उन्होंने प्रस्ताव दिया था कि कांग्रेस 40 में से 30 विधानसभा सीट पर चुनाव लड़े और बाकी सीट सहयोगी दलों के लिए छोड़ दे. उन्होंने कहा कि गोवा में जिन 10 सीट पर कांग्रेस पिछले 50 साल के दौरान नहीं जीत पाई है, वे सीट शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और गोवा फॉरवर्ड पार्टी को दे दी जाएं. राज्यसभा सदस्य राउत ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी गठबंधन के विचार के पक्ष में थे लेकिन स्थानीय नेतृत्व की भिन्न राय थी. राउत ने कहा कि यदि गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल इस विधानसभा चुनाव में राजनीतिक मैदान में उतरने का फैसला करते हैं तो शिवसेना उनकी उम्मीदवारी का समर्थन करेगी. यह भी पढ़ें : COVID-19: दिल्ली, मुंबई सहित देश के इन 5 शहरों में हैं कोरोना के सबसे अधिक मामले, जल्द ही आ सकता है तीसरी लहर का पीक

उन्होंने कहा, ‘‘ उत्पल को चुनाव लड़ने का साहसिक निर्णय लेना चाहिए. आपको चुनाव लड़ने के लिए साहसी होने की जरूरत है. यदि वह निर्णय लेते हैं तो शिवसेना उनका साथ देगी.’’ राउत ने कहा कि पिछले साल मुंबई के एक होटल में दादरा एवं नगर हवेली के लोकसभा सदस्य मोहन डेलकर के मृत मिलने के बाद शिवसेना ने उनके परिवार का साथ दिया था और डेलकर की पत्नी कलाबेन डेलकर ने शिवसेना प्रत्याशी के तौर पर लोकसभा उपचुनाव जीता था. उत्पल ने पणजी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी जिसका प्रतिनिधित्व चार बार गोवा के मुख्यमंत्री रहे उनके पिता मनोहर पर्रिकर ने किया था. वह इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मिले थे. गोवा में 14 फरवरी को विधानसभा चुनाव होगा.

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