नयी दिल्ली, 26 मई कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के नौ साल पूरे होने पर शुक्रवार को महंगाई, बेरोजगारी एवं कुछ अन्य विषयों पर उससे नौ सवाल पूछे और कहा कि 'प्रधानमंत्री ने अपने वादों को पूरा नहीं करके देश के साथ जो विश्वासघात किया है' उसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
मुख्य विपक्षी दल ने 'नौ साल, नौ सवाल' शीर्षक से एक पुस्तिका भी जारी की और कहा कि 26 मई को प्रधानमंत्री मोदी को 'माफी दिवस' के रूप मनाना चाहिए। उसके 35 नेता 27 से 29 मई तक देश के 35 अलग अलग शहरों में मोदी सरकार के नौ साल को लेकर संवाददाता सम्मेलन करेंगे।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री को महंगाई, नफ़रत और बेरोज़गारी जैसी नाकामियों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
राहुल गांधी ने कांग्रेस की ओर से सरकार से पूछे गए नौ सवालों की फेहरिस्त साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘झूठे वादों और जनता की दुर्दशा पर भाजपा ने खड़ी की 9 साल की इमारत! महंगाई, नफ़रत और बेरोज़गारी - प्रधानमंत्री जी, अपनी इन नाकामियों की लीजिए ज़िम्मेदारी!’’
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘नौ साल बाद आज कांग्रेस नौ सवाल पूछ रही है। राहुल गांधी ने 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान ये सवाल पूछे थे, लेकिन प्रधानमंत्री और सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आया।''
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जो नौ सवाल पूछे हैं उन पर प्रधानमंत्री को चुप्पी तोड़नी चाहिए।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने ट्वीट कर कहा, ‘‘9 सालों की भयावह बेरोजगारी को ‘अमृतकाल’, कमरतोड़ महंगाई को ‘सबका विकास’, खस्ताहाल अर्थव्यवस्था व भ्रष्टाचार को ‘डबल इंजन ग्रोथ’ कहा गया। जनता की समस्याएं बढ़ रही हैं, लेकिन उन्हें हल करने के बजाय मोदी जी की सरकार का प्रचार-पीआर और जुमलों का व्यापार बढ़ता जा रहा है।’’
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ''आज का दिन प्रधानमंत्री को माफी दिवस के तौर पर मनाना चाहिए। सभी देशवासियों से प्रधानमंत्री को माफी मांगना चाहिए क्योंकि भारत के लोगों के साथ विश्वासघात हुआ है।’’
खेड़ा ने कहा, ‘‘उन्होंने जो बातें कीं और वादे किये, वह सभी काल्पनिक थे।''
कांग्रेस ने सवाल किया, ‘‘प्रधानमंत्री जी, ऐसा क्यों है कि महंगाई और बेरोजगारी आसमान छू रही हैं?क्यों अमीर और अमीर तथा गरीब और गरीब हुए? सार्वजनिक संपत्तियों को मोदी जी के मित्रों को क्यों बेचा जा रहा है? आर्थिक विषमता क्यों बढ़ रही है?’’
पार्टी ने यह भी पूछा, ‘‘ऐसा क्यों है कि किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई, किसान संगठनों के साथ हुए समझौतों को अब तक लागू क्यों नहीं किया गया, एमएसपी की कानूनी गारंटी क्यों नहीं दी गई?’’
कांग्रेस ने कहा, ‘‘अडाणी को फायदा पहुंचाने के लिए, एसबीआई और एलआईसी में जमा लोगों की खून -पसीने की कमाई को दांव पर क्यों लगा दिया गया, अडाणी समूह की फर्जी कंपनियों में जमा 20 हजार करोड़ रुपये किसके हैं?’’
उसने कहा, ‘‘ऐसा क्यों है कि चीन को लाल आंख दिखाने की बात करने वाले प्रधानमंत्री ने चीन को क्लीन चिट दे दी? ऐसा क्यों है कि चुनावी फायदे के लिए बंटवारे की राजनीति को हवा दी जा रही है, समाज में डर का माहौल पैदा किया जा रहा है?’’
मुख्य विपक्षी दल का यह भी कहना है, ‘‘ऐसा क्यों है कि आप महिलाओं, पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार को लेकर चुप रहते हैं? आप जाति जनगणना की मांग पर चुप क्यों हैं?’’
कांग्रेस ने सवाल किया, ‘‘ऐसा क्यों है कि विपक्षी नेताओं के खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई की जा रही है और विपक्ष शासित सरकारें गिरा दी गईं? पिछले नौ वर्षों में संवैधानिक और लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर क्यों किया गया? ’’
मुख्य विपक्षी दल ने कहा, ‘‘ऐसा क्यों है कि बजट में कटौती करके मनरेगा जैसी जनकल्याण की योजनाओं को कमजोर किया गया, गरीब, आदिवासी एवं जरूरतमंदों के सपनों को क्यों कुचला जा रहा है?’’
उसने कहा, ‘‘कोरोना कुप्रबंधन के कारण 40 लाख लोगों की मौत के बाद परिवारों को मुआवजा क्यों नहीं दिया गया? क्यों अचानक लॉकडाउन करके लाखों कामगार साथियों को घरों को लौटने के लिए मजबूर किया गया और उन्हें उनके हाल पर छोड़ क्यों दिया गया?’’
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 26 मई, 2014 को पहली बार इस पद के लिए शपथ ली थी।
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