पथानामथिट्टा (केरल), 15 मार्च प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केरल के सत्ताधारी वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और विपक्षी संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) को ‘ठग’ करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि राज्य में दोनों एक-दूसरे का विरोधी होने का दिखावा करते हैं जबकि दिल्ली में गले मिलते हैं।
यहां एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि केरल के लोग इनकी सच्चाई समझ गए हैं और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पिछले चुनाव के दो अंकों के वोट प्रतिशत के मुकाबले आने वाले चुनावों में दो अंकों की सीटों तक पहुंचने से दूर नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘एलडीएफ और यूडीएफ विरोधी होने का दिखावा करते हैं, लेकिन दिल्ली में वे एक-दूसरे को ‘गले’ लगाते हैं! कांग्रेस और कम्युनिस्ट यहां एक-दूसरे को कोसते हैं लेकिन राष्ट्रीय राजधानी में गठबंधन करते हैं!’’
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस और लेफ्ट दोनों ठग हैं। उन्होंने केरल के लोगों को धोखा दिया है। लेकिन अब केरल के लोग, खासकर युवा और महिलाएं, हकीकत समझ रहे हैं।’’
जनसभा में मौजूद लोगों की भीड़ की ओर इशारा करते हुए मोदी ने कहा कि पथानामथिट्टा का उत्साह बता रहा है कि इस बार केरल में ‘कमल’ खिलने वाला है।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले चुनावों में केरल की जनता ने हमें दो अंकों के वोट प्रतिशत वाली पार्टी बनाया था। और अब, यहां दोहरे अंकों की सीटों से हमारा भाग्य दूर नहीं है!’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि केरल के लोग राज्य में शासन करने वाली भ्रष्ट और अक्षम सरकारों के कारण पीड़ित हैं और यहां की सरकारों ने रबर किसानों की दुर्दशा के प्रति आंखें मूंद ली हैं।
केरल में आम तौर पर एलडीएफ या यूडीएफ ही सत्ता पर काबिज होते रहे हैं। दक्षिण के इस राज्य में भाजपा का प्रदर्शन अब तक कोई खास नहीं रहा है। भाजपा यहां पैर जमाने के लिए लंबे समय से प्रयासरत है।
केरल में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर भी उन्होंने एलडीएफ सरकार पर निशाना साधा और कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य में चर्च के पादरी भी सुरक्षित नहीं हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘कानून व्यवस्था की शर्मनाक स्थिति के कारण वे हिंसा का शिकार हो रहे हैं। इतना ही नहीं असंख्य कॉलेज कम्युनिस्टों का अड्डा बन गए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘केरल में महिलाएं, युवा और समाज का हर तबका डर के साये में जी रहा है और राज्य में शासन करने वाले लोग चैन की नींद में सो रहे हैं।’’
प्रधानमंत्री ने दावा किया कि केरल को बचाने का एकमात्र ‘रामबाण इलाज’ कांग्रेस और एलडीएफ से छुटकारा पाना है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह एकमात्र समाधान है जिसके माध्यम से केरल के लोगों को न्याय मिलेगा।’’
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