कांग्रेस ने केरल में माकपा पर राम मंदिर संबंधी निमंत्रण पर विवाद पैदा करने का आरोप लगाया
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कोच्चि, 31 दिसंबर: कांग्रेस की केरल इकाई ने रविवार को आरोप लगाया कि राज्य में सत्तारूढ़ माकपा 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए कुछ कांग्रेस नेताओं को मिले निमंत्रण पर अनावश्यक रूप से विवाद पैदा कर रही है. यह टिप्पणी तब आई जब मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा कि कांग्रेस अनिर्णय की स्थिति में है और यह नहीं बता रही है कि निमंत्रण पाने वाले इसके अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी और लोकसभा में नेता अधीर रंजन चौधरी सहित प्रमुख नेता समारोह में शामिल होंगे या नहीं.

केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वी. डी. सतीशन ने वाम दल पर आरोप लगाया कि वह इस मुद्दे का इस्तेमाल समाज में विभाजन पैदा करने के लिए कर रहा है. उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, "माकपा अयोध्या का राजनीतिकरण कर रही है. कांग्रेस को पार्टी के रूप में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया है। कुछ व्यक्तियों को आमंत्रित किया गया है. पार्टी इस बारे में सोचेगी और इस पर निर्णय लेगी."

उन्होंने माकपा की आलोचना करते हुए कहा कि वह भाजपा की तरह ही जाति और धर्म के नाम पर समाज में विभाजन पैदा कर रही है.

इस मुद्दे पर इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) द्वारा अपनाए गए रुख की सराहना करते हुए सतीशन ने कहा कि उसने सावधानीपूर्वक प्रतिक्रिया दी है जिससे कि समाज में कोई विभाजन न हो. विपक्षी नेता ने केरल के मुसलमानों के बीच महत्वपूर्ण आधार वाले ‘समस्त केरल जेम-इय्याथुल उलमा’ के रुख की भी प्रशंसा की, जिसने कहा था कि समारोह में चाहे जो भी शामिल हो, समुदाय की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचेगी.

सतीशन ने माकपा के रुख की आलोचना करते हुए कहा कि यह शर्मनाक है कि वे चुनावी राजनीति के लिए ऐसे मुद्दों का इस्तेमाल करेंगे. उन्होंने दोहराया कि कांग्रेस समारोह में अपने नेताओं के भाग लेने के मुद्दे पर सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श करेगी तथा निर्णय लेगी. सतीशन ने कहा कि अयोध्या मुद्दे पर सावधानी बरती जानी चाहिए.

माकपा पहले ही घोषणा कर चुकी है कि उसके प्रतिनिधि समारोह में शामिल नहीं होंगे. इसने इसे आम चुनाव से पहले भाजपा का राजनीतिक कदम बताया है. सतीशन ने कहा कि माकपा की उपस्थिति केवल केरल में है, जिससे पता चलता है कि उसके पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है क्योंकि भारत के अन्य हिस्सों में उसकी ज्यादा उपस्थिति नहीं है.

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