नयी दिल्ली, नौ मई दिल्ली में कोरोना वायरस से मौत के मामलों को लेकर भ्रम की स्थिति है क्योंकि सरकार ने मृतकों की संख्या जहां 68 बताई है, वहीं चार अस्पतालों से मिले आंकड़ों के अनुसार मृतकों की संख्या 92 है।
दिल्ली सरकार ने अपने स्वास्थ्य बुलेटिन में शुक्रवार को कोरोना वायरस से मरनेवालों की संख्या 68 बताई। उसका यह संख्या एम्स, सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज सहित 10 अस्पतालों से एकत्र किए गए डेटा पर आधारित है।
बुलेटिन के अनुसार शुक्रवार तक एम्स (दिल्ली और झज्जर) में कोरोना वायरस से दो लोगों की मौत हुई है, सफदरजंग अस्पताल में चार और राम मनोहर लोहिया अस्पताल में 26 लोगों की मौत हुई है, जबकि लेडी हार्डिंग कॉलेज में कोई मौत नहीं हुई है।
इन अस्पतालों के अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली सरकार के बुलेटिन में बताई गई मृतकों की संख्या की तुलना में राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या ज्यादा है।
इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि एम्स (दिल्ली ट्रॉमा सेंटर और झज्जर) में 14 लोगों की मौत हुई है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डी के शर्मा के अनुसार आंकड़ों में भिन्नता इसलिए हो सकती है क्योंकि सरकार केवल ट्रॉमा सेंटर में होने वाली मौतों की ही गिनती कर रही है जिसे समर्पित कोविड-19 अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है और उसने झज्जर प्रतिष्ठान में हुई मौतों का संज्ञान नहीं लिया है।
सफदरजंग अस्पताल में कोविड-19 से 23 लोगों की मौत हुई है।
इस अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा, ‘‘वे (हमसे) डेटा मांग रहे हैं। हमने उनसे कहा है कि हम नियमित रूप से भेज रहे हैं, आप आंकड़ों को ठीक करें। हमें कोई कारण दिखाई नहीं देता कि गलत आंकड़े क्यों दिखाए जा रहे हैं।’’
राम मनोहर लोहिया अस्पताल में कोरोना वायरस से 52 लोगों की मौत हुई है।
इस अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक मीनाक्षी भारद्वाज ने कहा, ‘‘हम उन्हें (सरकार) नियमित तौर पर डेटा भेज रहे हैं और ठीक आंकड़े भेज रहे हैं। इन्हें सूची में शामिल करना उनपर (सरकार पर) निर्भर है। हमारी समझ में नहीं आ रहा कि वे गलत आंकड़े क्यों दिखा रहे हैं।’’
लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ. एन एन माथुर ने कहा कि अस्पताल ने सरकार को तीन लोगों की मौत की जानकारी दी है।
कोरोना वायरस से मौत के मामलों की संख्या में अंतर होने की बात शुक्रवार को सामने आने के बाद दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि सरकार आंकड़े नहीं छिपा रही है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यदि हमें आंकड़े छिपाने होते तो हम गुरुवार को एक दिन में सामने आए कोविड-19 के सर्वाधिक 448 मामलों की जानकारी जारी नहीं करते। तब हम बस यह कहते कि केवल 48 नए मामले सामने आए हैं, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया। रिपोर्ट आने पर अस्पतालों को तुरंत सरकार को सूचना देनी होती है।’’
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