लखनऊ, 26 अगस्त बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती के आभार प्रकट करने के तीसरे दिन समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनके प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि समाज की 90 प्रतिशत जनसंख्या अर्थात पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) का आपस में पूरी तरह जुड़ जाना ही सामाजिक न्याय की क्रांति होगी।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक विधायक द्वारा बसपा प्रमुख के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर अखिलेश यादव ने विरोध जताया था जिसके बदले में मायावती ने उनके प्रति यह आभार प्रकट किया था।
अखिलेश यादव का यह बयान सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के उस बयान के कुछ घंटों बाद आया जिसमें उन्होंने वर्ष 1995 में राज्य अतिथि गृह में हुई एक घटना का हवाला देते हुए एक साथ समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस पर निशाना साधा था। मायावती ने अपने इस बयान में आरोप लगाया कि जब उन पर सपा ने जानलेवा हमला कराया तब केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने अपना दायित्व नहीं निभाया था।
मायावती के प्रति लगातार अखिलेश यादव की इस हमदर्दी के राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। इसके पहले सपा अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बसपा प्रमुख मायावती के खिलाफ भाजपा के विधायक राजेश चौधरी की ‘‘आपत्तिजनक टिप्पणियों’’ पर नाराजगी व्यक्त करते हुए शुक्रवार को कहा था कि सार्वजनिक रूप से दिये गये इस वक्तव्य के लिए विधायक पर मानहानि का मुकदमा होना चाहिए।
मायावती ने इस पर शनिवार को अखिलेश के प्रति आभार जताया। उन्होंने भाजपा विधायक पर कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो इसमें भाजपा के षड्यंत्र से इनकार नहीं किया जा सकता।
अखिलेश यादव ने सोमवार को ‘एक्स’ पर एक लंबे पोस्ट में कहा कि “आभार” के लिए धन्यवाद! सच तो ये है कि ये आभार उन लोगों के प्रति है जो पिछले दो दिनों से अपने मान-सम्मान की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरकर सक्रिय विरोध दर्शा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस विरोध का मूल कारण है, भाजपा के एक विधायक द्वारा शोषित-वंचित समाज की एक सम्मानित महिला और पूर्व मुख्यमंत्री जी का सरेआम किया गया अपमान है।’’
मथुरा जिले के मांट क्षेत्र के भाजपा विधायक राजेश चौधरी को एक समाचार चैनल की ओर से आयोजित चर्चा में यह कहते सुना गया, ‘‘मायावती जी चार बार उप्र की मुख्यमंत्री रही हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है और पहली बार हमने (भाजपा) ही (उन्हें मुख्यमंत्री) बनाया था। उप्र में यदि कोई भ्रष्ट मुख्यमंत्री हुआ है, तो उनका नाम है मायावती।’’
सपा प्रमुख ने सोमवार के अपने पोस्ट में कहा, ''सदियों से समाज के प्रभुत्ववादी लोगों द्वारा किये जा रहे मानसिक-शारीरिक-आर्थिक-सामाजिक उत्पीड़न के विरुद्ध आज उपेक्षित व तिरस्कृत समाज के लोगों में यह जो नयी चेतना आई है, उसकी एकता और एकजुटता आने वाले कल का सुनहरी समतावादी-समानतावादी इतिहास लिखेगी।’’
यादव ने कहा, ‘‘ये एक शुभ संकेत है कि पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समाज अब प्रभुत्ववादी सत्ताधीशों के विभाजनकारी खेल को समझने लगा है।’’
उन्होंने कहा कि चंद लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर ये विघटनकारी सत्ताधारी भले कुछ लोगों को हाथ पकड़कर कुछ भी कहने-लिखने के लिए मजबूर कर दें परंतु मन से वो ‘कुछ मजबूर लोग’ भी सपा के साथ हैं, क्योंकि ऐसे मजबूर लोग भी जानते हैं कि ये प्रभुत्ववादी कभी उनके भले के बारे में सोच नहीं सकते हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि सदियों से शोषित-वंचित समाज के 99 प्रतिशत लोग, अब पीडीए में ही अपना सुनहरा भविष्य देख रहे हैं।
यादव ने दावा किया कि कि 90 प्रतिशत (पीडीए) में 99 प्रतिशत जागरण आ गया है। उन्होंने कहा कि पीडीए समाज में आया ये जागरण राजनीतिक दलों की सीमाएं तोड़कर मान-सम्मान की लड़ाई लड़ रहे लोगों से जुड़ गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘समाज की 90 प्रतिशत जनसंख्या अर्थात पीडीए का आपस में 100 प्रतिशत (पूरी तरह) जुड़ जाना ही, सामाजिक न्याय की क्रांति होगी। ये एकता और समान विचारधारा ही सैकड़ों सालों से चली आ रही नाइंसाफी को खत्म करेगी।’’
सपा प्रमुख ने कहा, ‘‘पीडीए ही शोषित-वंचित समाज का भविष्य है। हम एक हैं, एक रहेंगे। पीडीए एकता जिंदाबाद!’’
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