कोयला मंत्री ने राज्यों से घरेलू कोयला उपयोग करने को कहा
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नयी दिल्ली, 12 अप्रैल कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर कोयला आयात नहीं करने और सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया से ईंधन लेने को कहा है। उन्होंने कहा कि कोल इंडिया के पास पर्याप्त कोयला है, ऐसे में राज्यों को इस ईंधन के आयात करने की जरूरत नहीं है।

कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये जारी ‘लॉकडाउन’ के कारण देश में बिजली की मांग में कमी के बीच मंत्री ने उक्त बातें कही है।

मामले से जुड़े सूत्रों के अनुसार कोयला मंत्री ने कुछ दिन पहले सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर कोयला आयात नहीं करने को कहा है। उन्होंने राज्यों से कोल इंडिया से कोयला लेने के कहा है जिसके पास पर्याप्त ईंधन है।

देश में कोयला आयात 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष 2019-20 में 3.2 प्रतिश्त बढ़कर 24.297 करोड़ टन रहा।

देशव्यापी बंद से प्रभावित कोयले की मांग में तेजी लाने के इरादे से सरकार ने उन ग्राहकों के लिये ईंधन आपूर्ति बढ़ाने जैसे उपाय किये हैं जिन्होंने कोयले की व्यवस्था को लेकर समझौता कर रखा है।

कोयला मंत्रालय के अनुसार जोशी ने कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न स्थिति को देखते हुए बिजली क्षेत्र समेत कोल इंडिया के ग्राहकों के लिये कई राहत उपायों की घोषणा की है।

मंत्रालय ने ग्राहकों के लिये कोयले की मात्रा में छूट देने को मंजूरी दी है।

मंत्रालय के अनुसार, ‘‘ग्रहक खदानों पर उपलब्धता के आधार पर अब अनुबंधित मात्रा से अतिरिक्त कोयला ले सकते हैं।’’उसने यह भी कहा है कि अगर कोल इंडिया ईंधन आपूर्ति समझौता (एफएसए) की उच्च सीमा से अधिक ईंधन की आपूर्ति करती है, तो बिजली ग्राहकों पर प्रदर्शन संबंधी प्रोत्साहन शुल्क नहीं लगेगा।

जोशी ने कहा था, ‘‘इन उपायों से मौजूदा स्थिति में कोयला मांग में तेजी आएगी। हम आगे के कदम को लेकर सितंबर 2020 में स्थिति की समीक्षा करेंगे।’’

देश में घरेलू कोयला उत्पादन का 80 प्रतिशत कोल इंडिया से आता है।

कंपनी का 2019-20 में कुल उत्पादन 60.124 करोड़ टन रहा।

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