नयी दिल्ली, चार अगस्त केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने महाराष्ट्र में कोयला ब्लॉक आंवटन में अनियमितताओं से जुड़े एक मामले में पूर्व कोयला सचिव एच. सी. गुप्ता और कोयला मंत्रालय में पूर्व संयुक्त सचिव के. एस. क्रोफा को अधिकतम सजा दिये जाने का एक निचली अदालत से बृहस्पतिवार को अनुरोध किया।
राष्ट्रीय राजधानी की एक विशेष अदालत के न्यायाधीश अरुण भारद्वाज ने लोहरा ईस्ट कोयला ब्लॉक के आवंटन से संबंधित मामले में इन आरोपियों के खिलाफ सजा की घोषणा के लिए आठ अगस्त की तारीख मुकर्रर की। अदालत ने 29 जुलाई को गुप्ता और क्रोफा को आपराधिक साजिश रखने, विश्वास तोड़ने, धोखाधड़ी करने और भ्रष्टाचार का दोषी करार दिया था।
जांच एजेंसी ने सजा की अवधि पर बहस के दौरान बृहस्पतिवार को अदालत से कहा कि इस घोटाले का दुष्परिणाम है कि धरती मां की गोद में प्रचुर मात्रा में कोयला उपलब्ध होने के बावजूद कंपनियां इसके खनन के लिए आगे नहीं रही हैं। सीबीआई ने कहा, ‘‘हम पर्याप्त मात्रा में कोयला खनन कर पाने में सक्षम नहीं हैं और इसके परिणामस्वरूप, कोयले का अभाव है तथा हम इंडोनेशिया और आस्ट्रेलिया से कोयले का आयात करते हैं।’’
एजेंसी ने अदालत से कहा, ‘‘दुर्भाग्यवश, पिछले कुछ वर्ष में देश में सफेदपोश अपराधियों के अपराधों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिससे देश का आर्थिक ढांचा प्रभावित हुआ है।’’ सीबीआई ने अदालत से अनुरोध किया कि यदि अलग-अलग मामलों में सजा एक साथ चलाने का आदेश दिया जाता है तो जेल की अवधि बढ़ाई जानी चाहिए।
इस बीच बचाव पक्ष के वकील ने अदालत से आग्रह किया कि दोषियों की ज्यादा उम्र और स्वास्थ्य संबंधी उनकी खराब हालत को देखते हुए उन सभी को कम से कम सजा दी जानी चाहिए।
अदालत ने आपराधिक साजिश रचने और धोखाधड़ी के लिए ग्रेस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और इसके तत्कालीन निदेशक मुकेश गुप्ता को भी दोषी ठहराया था।
उच्चतम न्यायालय ने 25 अगस्त 2014 को सभी कोयला ब्लॉक के आवंटन रद्द कर दिये थे।
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