देश की खबरें | प्रधान न्यायाधीश ने तेलुगु में अनूदित महात्मा गांधी की आत्मकथा का विमोचन किया

तिरुपति (आंध्र प्रदेश), 19 अगस्त देश के प्रधान न्यायाधीश एन.वी. रमण ने शुक्रवार को पुस्तक ‘सत्य शोधना’ का अनावरण किया, जो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आत्मकथा ‘द स्टोरी ऑफ माय एक्सपेरिमेंट्स विद ट्रूथ’ का तेलुगु अनुवाद है।

इस पुस्तक का प्रकाशन तिरुपति के विधायक बी. करुणाकर रेड्डी द्वारा किया गया है।

इस अवसर प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि गांधी अहिंसा के मार्ग पर चलकर स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व करके एक आम आदमी से महात्मा बने।

न्यायमूर्ति रमण ने कहा, ‘‘दुनिया भर में कई आंदोलन और संघर्ष हुए। इनमें से ज्यादातर हिंसक थे, लेकिन गांधी ने अहिंसा के माध्यम से दुनिया को एक नया रास्ता दिखाया।’’

उन्होंने कहा कि कई लोगों ने अहिंसा के मार्ग का अनुसरण करते हुए संघर्षों का नेतृत्व किया है। न्यायमूर्ति रमण ने कहा कि महात्मा गांधी ने 1921 और 1933 में तिरुपति की यात्रा की थी।

उन्होंने कहा कि यह प्रशंसनीय है कि गांधी की आत्मकथा तेलुगु में प्रकाशित हुई है जिससे आने वाली पीढ़ियों को उनकी महानता और सादगी से परिचित कराया जा सकेगा।

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