नयी दिल्ली, 16 अप्रैल चीनी मिलों का कहना है कि कोविड-19 की रोकथाम के लिए आवाजाही पर सार्वजनिक प्रतिबंध जैसे उपायों से घरेलू और विदेशी बाजार में चीनी बिक्री का काम प्रभावित हुआ है।
भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने बृहस्पतिवार को कहा कि विभिन्न देशों में भारतीय चीनी की बिक्री में गिरावट की भरपाई की उम्मीद इंडोनेशिया बाजार में अतिरिक्त बिक्री के माध्यम से होने की उम्मीद है।इसी तरह थाईलैंड में चीनी की कमी है और वह भारत से चीनी खरीद सकता है।
इस बीच, देश का कुल चीनी उत्पादन चालू विपणन वर्ष में 15 अप्रैल तक दो करोड़ 47.8 लाख टन रहा जो पिछले साल इस समय तीन करोड़ 11.7 लाख टन था। इस तरह उत्पादन एक साल पहले से 20 प्रतिशत कम है।
इस्मा ने एक बयान में कहा, ‘‘वैश्विक चीनी की कीमतों में अचानक गिरावट के कारण निर्यात प्रभावित हुआ है, लेकिन हाल ही में रुपये की गिरावट से निर्यातकों को थोड़ी राहत मिली है।’’
एथेनॉल की आपूर्ति के बारे में, इस्मा ने कहा कि लॉकडाऊन की अवधि के दौरान पेट्रोल की खपत में गिरावट के कारण आरंभ में तेल विपणन कंपनियों के उठाव में कुछ समस्या थी। लेकिन त्वरित हस्तक्षेप के बाद, आपूर्ति को उन राज्यों और डिपो में स्थानांतरित कर दिया गया जहां आवश्यकता थी।
इथेनॉल अब झारखंड, बंगाल, एमपी, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात, एपी, तेलंगाना और केरल में नए डिपो में जाने लगा है। यह देखा जा रहा है कि क्या ओडिशा और असम में भी इथेनॉल भेजा जा सकता है।
इस वर्ष 15 अप्रैल तक उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन 1.08 करोड़ टन, महाराष्ट्र में 5.01 करोड़ टन और कर्नाटक में 33.8 लाख टन था। ये देश के शीर्ष तीन चीनी उत्पादक राज्य हैं।
राजेश
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)