चीन ने वैश्विक महामारी COVID-19 का इस्तेमाल हर दिशा में आक्रामकता दिखाने के लिए किया: अमेरिकी सांसद

अमेरिका के एक शीर्ष सांसद ने कहा कि चीन ने भारत के साथ लगती सीमा पर पूर्व नियोजित सैन्य घुसपैठ जारी रखी हुई है, साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि बीजिंग ने कोविड-19 वैश्विक महामारी का इस्तेमाल हर दिशा में आक्रामकता दिखाने के लिए किया है. दोनों ने जानबूझकर कई चीजों पर गुमराह किया है जिनमें उनका वास्तविक रक्षा बजट भी शामिल है.

अमेरिका (Photo Credits: Pixabay)

वाशिंगटन, 26 जून: अमेरिका के एक शीर्ष सांसद ने कहा कि चीन ने भारत के साथ लगती सीमा पर पूर्व नियोजित सैन्य घुसपैठ जारी रखी हुई है, साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि बीजिंग ने कोविड-19 (Covid-19) वैश्विक महामारी का इस्तेमाल हर दिशा में आक्रामकता दिखाने के लिए किया है. सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के अध्यक्ष सांसद जिम इनहोफ ने आरोप लगाया, "चीन ने खासतौर से इस बीमारी का इस्तेमाल हर दिशा में आक्रामकता दिखाने के लिए किया है. उसने दक्षिण चीन सागर में ताइवान, मलेशिया, वियतनाम और इंडोनेशिया के जहाजों को परेशान किया और उनसे दुश्मनी मोल ली तथा कोविड-19 के बारे में चुप्पी साधने के लिए ऑस्ट्रेलिया पर दबाव बनाने के वास्ते हर हथकंडे का इस्तेमाल किया."

इनहोफ ने वित्त वर्ष 2021 के राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण कानून के समर्थन में संसद में कहा, "भारत के साथ लगती सीमा पर चीन द्वारा पूर्व नियोजित सैन्य घुसपैठ जारी है और इससे भारत के 20 सैन्यकर्मी मारे गए. कुछ को तो कांटेदार डंडों से मारा गया." उन्होंने कहा कि 2021 के लिए राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण कानून का मतलब चीन और रूस को संदेश देना है.

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उन्होंने कहा कि इस कानून में कहा गया है कि आप किसी भी तरीके से हमें हरा नहीं सकते तो इसकी कोशिश भी मत करना. सांसद ने कहा, ‘‘हमारे पास दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सेना है और हमारे दुश्मनों को यह जानने की जरूरत है. लेकिन हम चुप नहीं बैठ सकते. हमें राष्ट्रीय रक्षा रणनीति लागू करनी होगी क्योंकि हमारी तुलनात्मक सैन्य बढ़त अभी खतरे में है. चीन और रूस हमारी बराबरी कर रहे हैं, वह भी बहुत तेजी से.’’

उन्होंने कहा कि चीन और रूस ने अपनी सेनाओं में निवेश किया है. दोनों ने जानबूझकर कई चीजों पर गुमराह किया है जिनमें उनका वास्तविक रक्षा बजट भी शामिल है. इनहोफ ने कहा कि रूस की सेना जैसा कि लोगों को लगता है उससे तीन गुना ज्यादा बड़ी है. निवेश की वजह से चीन और रूस ने न केवल अपनी सेना का आकार बढ़ाया है बल्कि उनकी क्षमताएं भी बढ़ गई हैं. उन्होंने कहा, "पिछले साल अक्टूबर ने चीन ने एक हाइपरसोनिक हथियार का प्रदर्शन किया जो हमारे पास अभी तक नहीं है."

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