नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर कांग्रेस ने भारतीय और चीनी वार्ताकारों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के आसपास गतिरोध वाले बाकी बिंदुओं पर गश्त के लिए सहमति बनने की घोषणा के बाद सोमवार को सरकार पर कटाक्ष करते हुए दावा किया कि संसद में पिछले साढ़े चार वर्षों में एक बार भी चीन के साथ लगी सीमा की स्थिति पर चर्चा नहीं होने दी गई।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चार साल पुरानी एक टिप्पणी को लेकर सवाल किया कि क्या देश प्रधानमंत्री की टिप्पणियों को कभी भूल सकता है जिसने ‘‘भारत के पक्ष को बेहद कमज़ोर कर दिया है?’’
भारत ने सोमवार को घोषणा की कि भारतीय और चीनी वार्ताकार पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध वाले बाकी बिंदुओं पर गश्त के लिए एक समझौते पर सहमत हुए हैं।
इस समझौते को पूर्वी लद्दाख में लगभग चार वर्षों से जारी सैन्य गतिरोध के समाधान की दिशा में एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।
रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘अभी जब हम भारत और चीन के बीच हुए समझौते के विस्तृत विवरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं, तब यह याद करना उचित होगा कि संसद में पिछले साढ़े चार वर्षों में एक बार भी सीमा की स्थिति पर चर्चा नहीं होने दी गई है।’’
उन्होंने सवाल किया कि क्या देश प्रधानमंत्री द्वारा 19 जून, 2020 को की गई उन टिप्पणियों को कभी भूल सकता है जिसने हमारे पक्ष को बेहद कमजोर कर दिया है?
रमेश ने सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री की टिप्पणी का एक वीडियो भी साझा किया जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘‘भारत की सीमा में न कोई घुस आया है, न ही घुसा हुआ है तथा हमारी कोई चौकी किसी दूसरे के कब्जे में नहीं है।’’
हक
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