बीजिंग, 20 जुलाई (एपी) चीन ने मंगलवार को अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगियों (देशों) के इस आरोप को खारिज किया कि माइक्रोसॉफ्ट ईमेल सिस्टम की हैकिंग के लिए वह जिम्मेदार है। उल्टे, उसने शिकायत की कि चीनी ईकाइयां हानिकारक अमेरिकी साइबर हमलों का शिकार हैं।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजान ने मंगलवार (रिपीट) मंगलवार को मांग की कि सोमवार को अमेरिका ने नागरिक सुरक्षा मंत्रालय में कार्यरत चार चीनी नागरिकों पर गोपनीय अमेरिकी व्यापारिक सूचना तथा प्रौद्योगिकी एवं रोग अनुसंधान संबंधी जानकारियां चुराने का जो आरोप लगाया है, वह उसे वापस ले।
हालांकि (अमेरिका के) बाइडन प्रशासन एवं यूरोपीय सहयोगियों ने चीन सरकार से जुड़े हैकरों पर रैनसम हमलों का औपचारिक रूप से जो आरोप लगाया है,उससे चीन के विरूद्ध पहले से ऐसी शिकायतों को लेकर दबाव बढ़ गया है लेकिन फिलहाल कोई पाबंदी नहीं लगायी गयी है।
लिजान ने कहा, ‘‘ अमेरिका ने चीनी साइबर सुरक्षा के विरूद्ध अवांछनीय आरोप लगाने के लिए अपने सहयोगियों के साथ साठगांठ की। ....यह विशुद्ध रूप से राजनीतिक मंशा से बदनाम करने एवं दबाव बनाने की हरकत है। चीन कभी इसे स्वीकार नहीं करेगा। ’’
वैसे चीनी प्रवक्ता ने बदले की संभावित कार्रवाई का कोई संकेत नहीं दिया। चीन, अमेरिका और रूस के साथ ही साइबर युद्ध अनुसंधान में अग्रणी है लेकिन वह इन आरोपों से इनकार करता रहता है कि चीनी हैकर गोपनीय व्यापारिक एवं प्रौद्योगिकी सूचनाएं चुराते हैं। वैसे सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि रक्षा एवं सुरक्षा मंत्रालय भी सरकार के बाहर के हैकरों को प्रश्रय देता है।
अमेरिकी अधिकारियों ने सोमवार को कहा था कि सरकार से जुड़े हैकरों ने अमेरिकी और अन्य पीड़ितों को निशाना बनाया था और लाखों डॉलर की मांग की थी।
अमेरिकी न्याय मंत्रालय ने चीन के चार नागरिकों के खिलाफ सोमवार को आरोपों की घोषणा की। अभियोजकों का कहना है कि ये लोग हैकिंग के लिए नागरिक सुरक्षा मंत्रालय के साथ काम कर रहे थे,जिसमें कंपनियों, विश्वविद्यालयों और सरकारी प्रतिष्ठानों सहित दर्जनों कम्प्यूटर प्रणालियों को निशाना बनाया गया।
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमिनिक राब ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट एक्सचेंज साइबर हमले परेशान करने वाले थे लेकिन इसका तरीका ऐसा है,जिससे हम परिचित हैं।
झाओ ने अमेरिकी खुफिया एजेंसी ‘ सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी ’ पर 11 साल तक चीन के एयरोस्पेश अनुसंधान इकाइयों, तेल उद्योग, इंटरनेट कंपनियों एवं सरकारी एजेंसियों पर हैकिंग करने का आरोप लगाया।
एपी राजकुमार नरेश
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