अब उसे स्कूल में डर लगता है। इस वर्ष की शुरुआत में दक्षिण पंजाब के पाकपट्टन शहर के एक धार्मिक स्कूल के मौलवी ने उससे वॉशरूम में कुकर्म करने का प्रयास किया।
मुहीम्मन की रिश्तेदार शाजिया ने बताया कि उनका मानना है कि पाकिस्तान के धार्मिक स्कूलों में बच्चों का यौन उत्पीड़न आम बात है।
उन्होंने बताया कि मौलवी मोइद शाह को वह बचपन से जानती है और उसे आदतन बाल यौन उत्पीड़क बताती है जो छोटी बच्चियों से अपनी शर्ट ऊपर करने के लिए कहता है।
शाजिया ने बताया, ‘‘उसने लड़कों और दो-तीन लड़कियों के साथ भी गलत काम किया।’’ उसने कहा कि एक बच्ची से उसने इतनी बर्बरता की कि उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई।
एसोसिएटेड प्रेस की खोज में पाया गया कि पूरे पाकिस्तान में मदरसों एवं अन्य धार्मिक स्कूलों में पढ़ा रहे मौलवियों के खिलाफ यौन उत्पीड़न, बलात्कार और शारीरिक उत्पीड़न के कई मामले दर्ज हैं। इन संस्थानों में देश के गरीब बच्चे काफी संख्या में पढ़ते हैं।
पाकिस्तान में 22 हजार पंजीकृत मदरसे हैं जहां 20 लाख से अधिक बच्चे पढ़ते हैं। लेकिन कई धार्मिक स्कूल पंजीकृत नहीं हैं।
पुलिस का कहना है कि मौलवियों द्वारा बच्चों का यौन उत्पीड़न व्यापक है और अभी तक जो पुलिस में रिपोर्ट दर्ज हैं वे बहुत कम हैं। दर्जनों रिपोर्ट के बावजूद किसी मौलवी को सजा नहीं हुई है।
पाकिस्तान में मौलवी शक्तिशाली समूह हैं और जब उनके खिलाफ उत्पीड़न के मामले आते हैं तो वे एकजुट हो जाते हैं। वे आरोपियों पर ईशनिंदा या इस्लाम को बदनाम करने का आरोप लगाकर बच जाते हैं।
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