रायपुर, 28 जुलाई छत्तीसगढ़ में महिलाओं को उनके अधिकारों और कानूनों के प्रति जागरूक करने के लिए बृहस्पतिवार से 'मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ' रवाना किया गया। जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है।
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज हरेली (हरियाली अमावस्या) के अवसर पर अपने आवास परिसर से मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और अपनी शुभकामनाएं दी।
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम की शुरूआत 'बात है अभिमान की, महिला मन के सम्मान की' सूत्र वाक्य के साथ हुई।
अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की पहल पर राज्य की महिलाओं को उनके संवैधानिक अधिकारों और कानूनों की जानकारी देकर जागरूक करने और उनमें आत्मविश्वास बढ़ाने के उद्देश्य से यह न्याय रथ यात्रा शुरू की गई है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री बघेल ने इस अवसर पर महिलाओं की सुरक्षा, न्याय और उन्हें अधिकार सम्पन्न बनाने की शपथ भी दिलाई।
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ यात्रा राज्य महिला आयोग के माध्यम से संचालित की जाएगी। उनके अनुसार यह रथ सभी जिलों के गांव-गांव तक भ्रमण कर लोगों को शॉर्ट फिल्मों, संदेशों और ब्रोशर के माध्यम से महिलाओं के कानूनी प्रावधानों और उनके संवैधानिक अधिकारों के बारे में अवगत कराएगा। उनका कहना था कि प्रथम चरण में रथ राज्य के नौ जिलों में जाएगा एवं इसकी शुरूआत दुर्ग जिले से होगी।
उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत महिलाओं को निःशुल्क कानूनी सहायता भी दी जाएगी। उनके अनुसार प्रत्येक महतारी न्याय रथ में दो अधिवक्ता भी होंगे, जो महिलाओं की समस्याओं को सुनकर उन्हें जानकारी और सलाह देंगे। उन्होंने कहा कि न्याय रथ के माध्यम से महिलाएं आवेदन भी दे सकेंगी। प्राप्त आवेदनों का महिला आयोग द्वारा निराकरण किया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि रथ में बड़ी एलईडी स्क्रीन में छत्तीसगढ़ी और हिंदी की विभिन्न कानूनों से संबंधित राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत लघु फिल्में दिखाई जाएंगी। महतारी न्याय रथ का संचालन डीएमएफ राशि से किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार ने डीएमएफ पॉलिसी में विशेष बदलाव किया है।
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