राजनांदगांव, 12 अप्रैल छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित राजनांदगांव जिले की खैरागढ़ विधानसभा सीट के लिए हो रहे उपचुनाव में मंगलवार को सुबह नौ बजे तक 17 फीसदी से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकारों का प्रयोग किया।
राजनांदगांव जिले में निर्वाचन कार्य से जुड़े अधिकारियों ने यहां बताया कि खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह सात बजे मतदान प्रारंभ हुआ। सुबह नौ बजे तक 17.61 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकारों का प्रयोग कर लिया था। इनमें पुरुष मतदाता 18.54 फीसदी और महिला मतदाता 16.69 फीसदी हैं।
मतदान शाम पांच बजे तक चलेगा। मतों की गिनती 16 अप्रैल को होगी।
उन्होंने बताया कि मतदान के लिए मतदाताओं में उत्साह है,और क्षेत्र में तेज गर्मी के बावजूद मतदाता सुबह से ही कतार में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में कुल 291 मतदान केंद्र हैं, जिसमें 53 अतिसंवेदनशील, 11 संवेदनशील और 86 राजनैतिक रूप से संवेदनशील हैं।
उन्होंने बताया कि विधानसभा क्षेत्र में दो लाख 11 हजार 516 मतदाता हैं। जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या एक लाख छह हजार 266 तथा महिला मतदाता एक लाख पांच हजार 250 हैं।
अधिकारियों ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान के लिए केंद्रीय पुलिस बल की 22 कंपनियों को तैनात किया गया है। वहीं स्ट्रांग रूम की सुरक्षा के लिए केंद्रीय पुलिस बल की एक कंपनी को तैनात किया गया है। साथ ही छह सीसीटीवी कैमरे स्ट्रांग रूम के चारों तरफ निगरानी के लिए लगाए गए हैं।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के विधायक देवव्रत सिंह के निधन से रिक्त इस सीट के लिए 10 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। हालांकि मुख्य मुकाबला सत्ताधारी दल कांग्रेस, मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी और जनता कांग्रेस के बीच होने की संभावना है।
खैरागढ़ विधानसभा सीट राज्य की सबसे महत्वपूर्ण सीटों में से एक है। इस सीट पर ज्यादातर समय कांग्रेस का कब्जा रहा है, लेकिन वर्ष 2018 में भारतीय जनता पार्टी की सत्ता विरोधी लहर के बावजूद कांग्रेस इस सीट को नहीं जीत सकी थी। इस सीट में पार्टी को तीसरे स्थान पर ही संतोष करना पड़ा था। इस चुनाव में कांग्रेस ने राज्य की कुल 90 सीटों में से 68 सीटों पर, भारतीय जनता पार्टी ने 15 सीटों पर और जनता कांग्रेस तथा बहुजन समाज पार्टी गठबंधन ने सात सीटों पर जीत हासिल की थी।
वर्ष 2018 के चुनाव में खैरागढ़ सीट से जनता कांग्रेस छत्तीसगढ (जे) के उम्मीदवार देवव्रत सिंह ने जीत हासिल की थी। खैरागढ़ राजपरिवार से जुड़े सिंह पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के करीबी थे। कांग्रेस से अलग होने के बाद जब जोगी ने नई पार्टी का गठन किया था तब सिंह जोगी की पार्टी में चले गए थे। सिंह ने भाजपा के उम्मीदवार कोमल जंघेल को 870 मतों के मामूली अंतर से हराया था।
पिछले वर्ष नवंबर माह में दिल का दौरा पड़ने से सिंह का निधन हो गया था। तब से यह सीट रिक्त है।
खैरागढ़ उपचुनाव के लिए भाजपा ने एक बार फिर पूर्व विधायक कोमल जंघेल को चुनाव मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने महिला उम्मीदवार यशोदा वर्मा पर भरोसा जताया है। जंघेल और वर्मा दोनों अन्य पिछड़ा वर्ग के लोधी जाति से हैं। खैरागढ़ क्षेत्र में लोधी जाति की संख्या अधिक है।
वहीं जनता कांग्रेस ने उपचुनाव के लिए वकील और खैरागढ़ राजपरिवार के दामाद नरेंद्र सोनी को अपना उम्मीदवार बनाया है। पार्टी नेताओं के मुताबिक सोनी खैरागढ़ क्षेत्र को जिला बनाने की मांग से संबंधित आंदोलन से भी जुड़े हुए हैं।
इस सीट पर जीत के लिए भारतीय जनता पार्टी की ओर से केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते तथा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुनाव प्रचार किया है वहीं कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कमान संभाली थी। बघेल ने चुनाव प्रचार के दौरान क्षेत्र में कई रैलियां कीं।
खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव के दौरान क्षेत्र को जिला बनाने से संबंधित मुद्दा छाया रहा। मुख्यमंत्री बघेल ने क्षेत्र की जनता से वादा किया है कि चुनाव जीतने के बाद खैरागढ़ क्षेत्र को जिला बनाने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। वहीं भाजपा ने राज्य सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया है।
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