नयी दिल्ली, 21 जुलाई दिल्ली पुलिस ने बृहस्पतिवार को उच्च न्यायालय को बताया कि उसने इस साल की शुरुआत में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर तोड़फोड़ की घटना से संबंधित मामले में 30 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है।
आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक सौरभ भारद्वाज की एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ के समक्ष पुलिस ने यह बयान दिया। याचिका में केजरीवाल की ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर कथित टिप्पणी के विरोध में 30 मार्च को उनके आवास पर हुए हमले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का अनुरोध किया गया है।
दिल्ली पुलिस की ओर से पेश अधिवक्ता संजय लाओ ने एक सीलबंद लिफाफे में अदालत को एजेंसी की स्थिति रिपोर्ट पेश की और बताया कि मुख्यमंत्री के आवास की ओर जाने वाली सड़क के दोनों छोर पर द्वार लगाए जाएंगे। अधिवक्ता ने कहा कि इसका 60 फीसदी काम हो चुका है और कुछ दिनों में कार्य पूरा हो जाएगा।
इससे पहले अदालत ने दिल्ली पुलिस को घटना के संबंध में दर्ज प्राथमिकी को लेकर जांच की प्रगति का विवरण देने वाली स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि आठ अगस्त तय की।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत से अनुरोध किया कि वह सुनवाई स्थगित कर दे और मुख्यमंत्री के आवास पर सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में दिल्ली पुलिस द्वारा पूर्व में दायर स्थिति रिपोर्ट का जवाब देने के लिए मुख्यमंत्री सचिवालय को समय प्रदान करे।
सिंघवी ने अदालत से कहा कि जब दिल्ली पुलिस सुरक्षा चूक के लिए जिम्मेदार थी, तो उसे अब इस मामले की जांच करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)