
चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बृहस्पतिवार को राज्यपाल के परोक्ष संदर्भ में कहा कि राज्य द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति प्रदेश के ‘निर्वाचित मुख्यमंत्री’ को होना चाहिये न कि किसी ‘चयनित’ व्यक्ति को. प्रदेश के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित पर कटाक्ष करते हुए मान ने कहा कि अगर राज्यपाल किसी विधेयक को मंजूरी नहीं देना चाहते हैं, तो वह उसे राष्ट्रपति के पास भेज देते हैं, जो कुछ महीनों के बाद विधेयक को वापस कर देते हैं.
मुख्यमंत्री का यह बयान राष्ट्रपति द्वारा पंजाब के एक विधेयक को लौटाए जाने के बाद आया है, जिसमें राज्य के राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री को राज्य द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति बनाने की बात कही गई है.
मान ने कहा कि वह पंजाब विश्वविद्यालय कानून (संशोधन) विधेयक, 2023 के मुद्दे पर एक बैठक करेंगे, जिसे राष्ट्रपति ने मंजूरी के बिना वापस कर दिया है. पंजाब विश्वविद्यालय कानून (संशोधन) विधेयक, 2023 में राज्यपाल के स्थान पर मुख्यमंत्री को राज्य संचालित विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति बनाने का प्रावधान करता है.
राष्ट्रपति द्वारा विधेयक को वापस भेजे जाने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मान ने कहा कि ऐसे विधेयक पश्चिम बंगाल और केरल की सरकारों द्वारा भी लाए गए थे, जिनमें कहा गया है कि निर्वाचित मुख्यमंत्री को कुलाधिपति होना चाहिए.
उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि लोकतंत्र ‘चयनित’ नहीं, बल्कि ‘निर्वाचित’ होना चाहिए.’’ राज्य द्वारा संचाल�k="shareOpen('https://www.linkedin.com/cws/share?url=https%3A%2F%2Fhindi.latestly.com%2Fagency-news%2Fchancellor-of-state-run-universities-should-be-elected-chief-minister-mannr-2229768.html&token=&isFramed=true',550, 550)" title="Share on Linkedin">