सीईआरटी-इन ने कहा, वेब कॉन्फ्रेंस को साइबर अपराधियों से बचाने के लिए कदम उठाएं

सीईआरटी-इन ने कहा कि इस तरह के साइबर धोखाबाजों द्वारा किए गए हमलों से संवेदनशील सूचना लीक हो सकती है।

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सीईआरटी-इन ने कहा, वेब कॉन्फ्रेंस को साइबर अपराधियों से बचाने के लिए कदम उठाएं

सीईआरटी-इन ने कहा कि इस तरह के साइबर धोखाबाजों द्वारा किए गए हमलों से संवेदनशील सूचना लीक हो सकती है।

एजेंसी न्यूज Bhasha|
सीईआरटी-इन ने कहा, वेब कॉन्फ्रेंस को साइबर अपराधियों से बचाने के लिए कदम उठाएं
जमात

नयी दिल्ली, 16 अप्रैल घर से काम यानी वर्क फ्रॉम होम के लिए वेब कॉन्फ्रेंसिंग की मदद लेने वाले संगठनों और लोगों को साइबर धोखाधड़ी करने वालों की नजर से बचने के लिए उपाय करने की जरूरत है। कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पांस टीम आफ इंडिया (सीईआरटी-इन) ने बृहस्पतिवार को यह परामर्श जारी किया है।

सीईआरटी-इन ने कहा कि इस तरह के साइबर धोखाबाजों द्वारा किए गए हमलों से संवेदनशील सूचना लीक हो सकती है।

सीईआरटी-इन की ओर से जारी सलाह में कहा गया है कि इंटरनेट पर कुछ गड़बड़ी करने की मंशा रखने वाले साइबर अपराधियों के लिए वेब कॉन्फ्रेंसिंग गैर गतिविधियों के लिए एक अवसर है। इसके जरिये वे संवेदनशील सूचनाएं मसलन मसलन कर्मचारी की जानकारी, उत्पाद की जानकारी, व्यापार या अन्य गोपनीय सूचनाओं की चोरी कर सकते हैं।

पीटीआई के पास इस परामर्श की प्रति है। इसमे कहा गया है कि गोपनीय डेटा का ‘ताक-झांख करने वाली आंखों’ से बचाव करना जरूरी है। सीईआरटी-इन साइबर हमलों से सुरक्षा करने वाली संघीय एजेंसी है।

गृह मंत्रालय ने भी बयान जारी कर कहा है कि निजी व्यक्तियों को जूम बैठक मंच को संरक्षित करने की जरूरत है। मंत्रालय के तहत आने वाले साइबर समन्यव केंद्र ने इस बारे में परामर्श जारी किया है।

परामर्श में कहा गया है कि यह मंच सरकारी अधिकारियों द्वारा आधिकारिक उद्देश्य से इस्तेमाल के लिए नहीं है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)

सीईआरटी-इन ने कहा, वेब कॉन्फ्रेंस को साइबर अपराधियों से बचाने के लिए कदम उठाएं

सीईआरटी-इन ने कहा कि इस तरह के साइबर धोखाबाजों द्वारा किए गए हमलों से संवेदनशील सूचना लीक हो सकती है।

एजेंसी न्यूज Bhasha|
सीईआरटी-इन ने कहा, वेब कॉन्फ्रेंस को साइबर अपराधियों से बचाने के लिए कदम उठाएं
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नयी दिल्ली, 16 अप्रैल घर से काम यानी वर्क फ्रॉम होम के लिए वेब कॉन्फ्रेंसिंग की मदद लेने वाले संगठनों और लोगों को साइबर धोखाधड़ी करने वालों की नजर से बचने के लिए उपाय करने की जरूरत है। कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पांस टीम आफ इंडिया (सीईआरटी-इन) ने बृहस्पतिवार को यह परामर्श जारी किया है।

सीईआरटी-इन ने कहा कि इस तरह के साइबर धोखाबाजों द्वारा किए गए हमलों से संवेदनशील सूचना लीक हो सकती है।

सीईआरटी-इन की ओर से जारी सलाह में कहा गया है कि इंटरनेट पर कुछ गड़बड़ी करने की मंशा रखने वाले साइबर अपराधियों के लिए वेब कॉन्फ्रेंसिंग गैर गतिविधियों के लिए एक अवसर है। इसके जरिये वे संवेदनशील सूचनाएं मसलन मसलन कर्मचारी की जानकारी, उत्पाद की जानकारी, व्यापार या अन्य गोपनीय सूचनाओं की चोरी कर सकते हैं।

पीटीआई के पास इस परामर्श की प्रति है। इसमे कहा गया है कि गोपनीय डेटा का ‘ताक-झांख करने वाली आंखों’ से बचाव करना जरूरी है। सीईआरटी-इन साइबर हमलों से सुरक्षा करने वाली संघीय एजेंसी है।

गृह मंत्रालय ने भी बयान जारी कर कहा है कि निजी व्यक्तियों को जूम बैठक मंच को संरक्षित करने की जरूरत है। मंत्रालय के तहत आने वाले साइबर समन्यव केंद्र ने इस बारे में परामर्श जारी किया है।

परामर्श में कहा गया है कि यह मंच सरकारी अधिकारियों द्वारा आधिकारिक उद्देश्य से इस्तेमाल के लिए नहीं है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)

पीटीआई के पास इस परामर्श की प्रति है। इसमे कहा गया है कि गोपनीय डेटा का ‘ताक-झांख करने वाली आंखों’ से बचाव करना जरूरी है। सीईआरटी-इन साइबर हमलों से सुरक्षा करने वाली संघीय एजेंसी है।

गृह मंत्रालय ने भी बयान जारी कर कहा है कि निजी व्यक्तियों को जूम बैठक मंच को संरक्षित करने की जरूरत है। मंत्रालय के तहत आने वाले साइबर समन्यव केंद्र ने इस बारे में परामर्श जारी किया है।

परामर्श में कहा गया है कि यह मंच सरकारी अधिकारियों द्वारा आधिकारिक उद्देश्य से इस्तेमाल के लिए नहीं है।

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