देश की खबरें | ‘ठग’ चंद्रशेखर को तिहाड़ से मंडोली जेल स्थानांतरित करने का केंद्र का प्रस्ताव

नयी दिल्ली, 23 जून केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय के समक्ष प्रस्ताव रखा कि अगर कथित ‘ठग’ सुकेश चंद्रशेखर और उसकी पत्नी को तिहाड़ जेल से बाहर स्थानांतरित किया ही जाना है तो उन्हें मंडोली जेल में रखा जाना चाहिए, क्योंकि वहां सुरक्षा की कमान अर्द्धसैनिक बलों के हाथ में है।

सरकार ने चंद्रशेखर और उसकी पत्नी को दिल्ली के बाहर किसी अन्य जेल में उनकी जान के खतरे के आधार पर स्थानांतरण का विरोध किया और कहा कि उन्हें तमिलनाडु विशेष पुलिस बल के पुलिसकर्मियों द्वारा संरक्षित किया जाएगा और सीसीटीवी कैमरा के माध्यम से उन पर नजर रखी जाएगी।

न्यायमूर्ति सीटी रवि कुमार और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की अवकाशकालीन पीठ ने चंद्रशेखर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत को कहा कि वह आरोपी को मंडोली जेल में स्थानांतरित करने के केंद्र के प्रस्ताव पर अपनी आपत्तियां दर्ज कराएं।

इसके साथ न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 30 जून की तारीख मुकर्रर की।

पीठ ने कहा कि जेल में बंद व्यक्ति यह चयन नहीं कर सकता कि उसे किस जेल में रखा जाए।

शीर्ष अदालत ने चंद्रशेखर को मंडोली जेल में स्थानांतरित करने के लिए केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू की दलीलें दर्ज कीं और कहा कि चूंकि न्यायालय ने 17 जून को सरकार से उस जेल का नाम सुझाने के लिए कहा था, जहां चंद्रशेखर को स्थानांतरित किया जा सकता है। आदेश के अनुपालन के बाद ही मामला आगे बढ़ सका।

पीठ ने चंद्रशेखर के वकील को मंडोली जेल स्थानांतरित करने के प्रस्ताव पर आपत्ति पर लिखित बयान दाखिल करने को कहा।

राजू ने दलील दी कि चंद्रशेखर ठग है और करीब तीन दर्जन मामलों में आरोपी है, उनमें से एक मामला उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश बनकर निचली अदालत के एक न्यायाधीश को अपने पक्ष में आदेश पारित करने के लिए फोन करने का भी है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह झूठ है। उसके (चंद्रशेखर के) साथ कभी भी जेल में मारपीट नहीं हुई, जैसा उसने दावा किया है। उसने जान बूझकर चिकित्सकों की रिपोर्ट की वे दो पंक्तियां छुपाई जिसमें कहा गया था कि उसे कोई बाहरी चोट नहीं थी।’’

टेलीविजन और बॉलीवुड की तमाम हस्तियों के नाम एजेंसी ने उजागर किये हैं जिनके साथ ठग चंद्रशेखर के सम्पर्क थे और उनसभी को वह कीमती उपहार भेजा करता था।

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