कोलकाता, 24 जुलाई कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए तैनात किये गये केंद्रीय बल अगले 10 दिनों तक यहीं मौजूद रहेंगे।
केंद्र ने अदालत को सूचित किया कि उसके आदेश पर पंचायत चुनाव के बाद वहां मौजूद कुल 239 कंपनियों में से 136 कंपनियों को वापस बुला लिया गया है।
मुख्य न्यायाधीश टी. एस. शिवज्ञानम की अगुवाई वाली खंडपीठ ने निर्देश दिया कि राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को जहां कहीं अशांति का माहौल लग रहा है, उनकी पहचान की जाए ताकि ऐसे स्थानों पर बाकी केंद्रीय बल की तैनाती की जा सके और वे अगले 10 दिनों तक वहीं मौजूद रहेंगे।
न्यायमूर्ति शिवज्ञानम और न्यायमूर्ति हिरणमय भट्टाचार्य की पीठ ने कहा कि कार्ययोजना के अनुसार इन केंद्रीय बलों की वापसी के केंद्र सरकार के किसी भी प्रस्ताव पर वह तैयार होगी।
उच्च न्यायालय ने 12 जुलाई को पिछली सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया था कि सफल उम्मीदवारों का निर्वाचन उन रिट याचिकाओं के नतीजे पर निर्भर करेगा जिनका वह चुनाव में कदाचार के आरोपों के सिलसिले में सुनवाई कर रहा है।
इन याचिकाकर्ताओं में एक के वकील ने कहा कि 696 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान किया गया जो कुल मतदान केंद्रों का महज 0.1 प्रतिशत है।
याचिकाकर्ता के वकील ने दावा किया कि राज्य निर्वाचन आयोग के लिए उन सभी मतदान केंद्रों का वीडियो फुटेज देखना असंभव है जहां हिंसा हुई थी।
अदालत ने इस पर राज्य निर्वाचन आयोग को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
वकील प्रियंका टिबरेवाल ने दावा किया कि राज्य निर्वाचन आयोग को अनियमितताओं की लगभग 400 शिकायत की गयी हैं, इसके अलावा ऐसे कई लोगों ने हलफनामा दिया है जो विस्थापित हैं तथा अपने घरों में वापस आने में असमर्थ हैं।
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