नयी दिल्ली, 23 अप्रैल केंद्र ने दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया कि 20 अप्रैल से गंभीर बीमारी के मरीजों के लिए विशेष उड़ानों की अनुमति है लेकिन उसके लिए शर्त यह है कि रोगी के साथ दो से ज्यादा सहायक नहीं होंगे। इसके अलावा यात्रा के लिए राज्य सरकार से मंजूरी भी जरूरी है।
न्यायमूर्ति वी कामेश्वर राव ने इस मामले की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की और नागर विमानन मंत्रालय की ओर से यह दलील दी गयी। एक व्यक्ति ने याचिका दायर कर अनुरोध किया था कि उसे अपनी पत्नी को कैंसर के इलाज के लिए चेन्नई ले जाने की अनुमति दी जाए।
उस व्यक्ति ने दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य योजना के तहत उपचार पर आए खर्च का भुगतान (प्रतिपूर्ति) किए जाने का भी अनुरोध किया था।
प्रतिपूर्ति के संबंध में दिल्ली सरकार के वकील गौतम नारायण ने अदालत से कहा कि इस मामले पर गौर करने के लिए एक समिति का गठन किया गया था और यह निष्कर्ष निकला कि खर्च की प्रतिपूर्ति संभव नहीं है क्योंकि अपोलो प्रोटोन कैंसर सेंटर अस्पतालों के पैनल में शामिल नहीं है।
एयर एंबुलेंस से मरीज को चेन्नई ले जाने के बारे में नारायण ने अदालत से बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
अदालत ने दलीलों पर गौर करते हुए दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह शुक्रवार तक पत्र जारी करे। प्रतिपूर्ति के संबंध में 14 अगस्त को सुनवाई होगी।
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