नयी दिल्ली, 19 दिसंबर राज्यसभा में सदन के नेता जगत प्रकाश नड्डा ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर संसद परिसर में एक महिला सांसद सहित प्रदर्शन कर रहे पार्टी सांसदों के साथ धक्का-मुक्की करने का आरोप लगाते हुए मांग की कि उच्च सदन में एक प्रस्ताव पारित कर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के इस आचरण की ‘‘एक स्वर’’ में निंदा की जानी चाहिए।
उच्च सदन में एक बार के स्थगन के बाद दोबारा बैठक शुरू होने पर नड्डा ने कहा कि जिस प्रकार से संसद में संविधान पर चर्चा हुई उससे कांग्रेस पार्टी पूरी तरह बेनकाब हो गयी है।
नड्डा ने आरोप लगाया कि पिछले 75 साल में कांग्रेस पार्टी ने संविधान का दुरूपयोग करने की कोशिश की, यह बात सदन के माध्यम से देश की जनता के सामने पहुंची। उन्होंने कहा कि इसके कारण ‘‘ये (कांग्रेस सदस्य) बौखला गये हैं, आपा खो बैठे हैं। आज नेता प्रतिपक्ष श्रीमान राहुल गांधी ने जिस प्रकार गैर प्रजातांत्रिक तरीके से, प्रदर्शन कर रहे हमारे सांसदों से धक्का मुक्की की, जिसमें हमारे दो सांसद घायल हुए। (वे) राममनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती हुए हैं। उनका इलाज चल रहा है।’’
भाजपा प्रमुख ने कहा, ‘‘हमारी बहन (फान्गनॉन) कोन्याक, जो इस सदन की महिला सदस्य हैं, को नेता प्रतिपक्ष ने जिस प्रकार धक्का दिया वह शारीरिक एवं मानसिक प्रताड़ना है। यह विशेषाधिकार का मामला है। ’’
इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि उन्हें कोन्याक की ओर से एक संदेश मिला है। उन्होंने कहा, ‘‘वह मेरे कक्ष में आकर मुझसे मिली थीं। उनकी आँखों में से आँसू निकल रहे थे। उनका कहना था कि वह इस बात पर भरोसा ही नहीं कर पा रही हैं कि कोई सांसद किसी अन्य सांसद के साथ ऐसा बर्ताव करेगा। मैं इस मामले पर गौर कर रहा हूं।’’
नड्डा ने कहा कि वह एक प्रस्ताव लाने की पेशकश करते हैं जिसमें पूरे सदन द्वारा लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के इस कृत्य के लिए एक स्वर में निंदा की जाए।
भाजपा अध्यक्ष जिस समय सदन में यह मांग उठा रहे थे, उसी समय उनकी पार्टी की महिला सदस्य आगे की पंक्तियों की तरफ आकर कांग्रेस के खिलाफ नारेबाजी कर रही थीं।
इसके बाद द्रमुक के सांसद तिरुचि शिवा ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि सत्तारूढ़ दल की ओर से जो कहा जा रहा है, वह केवल एक पक्ष की बात है। उन्होंने कहा कि सदन के बाहर प्रदर्शन चल रहा था और अन्य सदन के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शिकायत की है कि इस दौरान उन्हें धक्का दिया गया।
शिवा ने कहा, ‘‘हम देश की हर महिला का सम्मान करते हैं किंतु (कोन्याक के साथ) ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।’’
सभापति ने शिवा की बात से असहमति जताते हुए कहा कि कोन्याक ने उन्हें सारी बातें बतायी हैं और उनका संरक्षण मांगा है।
इससे पहले राज्यसभा में नगालैंड की भाजपा सदस्य फान्गनॉन कोन्याक ने आरोप लगाया कि वह जब संसद के मकर द्वार के पास अन्य सांसदों के साथ प्रदर्शन कर रही थीं तभी लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी उनके समीप आ गये और उन पर चिल्लाने लगे।
उन्होंने बताया कि संसद के मकर द्वार की सीढ़ियों के नीचे सांसदों का प्रदर्शन बहुत ही शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा था। उन्होंने कहा, ‘‘इसी दौरान मेरे साथ कुछ ऐसा हुआ जिसे मैं बहुत निराशा के साथ बता रही हूं। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जी मेरे समीप आ गये, जिससे मैं बहुत असहज महसूस करने लगी। उन्होंने मुझ पर चिल्लाना शुरू कर दिया।’’
भाजपा सदस्य ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष द्वारा ऐसा किया जाना बहुत ही गलत था। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि मैं अपना बचाव नहीं कर सकती थी... मैं उनके इस व्यवहार से बहुत निराश हो गयी। किसी भी महिला, विशेषकर नगालैंड से आने वाली महिला के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए। मुझे आपका (सभापति का) संरक्षण चाहिए।’’
कोन्याक नगालैंड से राज्यसभा के लिए चुनी गयी पहली महिला सदस्य हैं।
इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर से संबंधित टिप्पणी को लेकर विरोध जताते हुए विपक्षी सदस्यों ने आज सुबह संसद परिसर में मार्च निकाला तो भाजपा सांसदों ने कांग्रेस पर बाबासाहेब के अपमान का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया।
संसद भवन के ‘मकर द्वार’ के निकट सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्य एक दूसरे के सामने आ गए और जमकर नारेबाजी की।
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