मुंबई, 30 सितंबर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि अभिनेत्री-निर्माता कंगना रनौत सीबीएफसी के सुझाव पर फिल्म ‘इमरजेंसी’ से कुछ दृश्य हटाए जाने को लेकर सहमत हो गई हैं।
न्यायमूर्ति बी. पी. कोलाबावाला और न्यायमूर्ति फिरदौस पूनीवाला की खंडपीठ फिल्म के सहनिर्माता जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेस द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें अदालत से रनौत अभिनीत फिल्म को प्रमाणपत्र दिए जाने के संबंध में सीबीएफसी को निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
फिल्म पहले छह सितंबर को रिलीज होने वाली थी लेकिन फिल्म की रिलीज के लिए प्रमाणपत्र जारी नहीं किए जाने को लेकर यह सेंसर बोर्ड के साथ विवादों में घिर गई।
रनौत ने फिल्म का निर्देशन किया है और वह इसकी सह-निर्माता भी हैं। अभिनेत्री ने फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का मुख्य किरदार भी निभाया है। उन्होंने सीबीएफसी पर फिल्म की रिलीज में देरी के इरादे से ही प्रमाणपत्र जारी नहीं करने का आरोप लगाया था।
जीवनी आधारित फिल्म विवादों में तब घिर गई जब शिरोमणि अकाली दल (शिअद) सहित कुछ सिख संगठनों ने आपत्ति जताई और आरोप लगाया कि फिल्म में समुदाय को गलत तरीके से दिखाया गया है तथा तथ्यों से छेड़छाड़ की गई है।
जी एंटरटेनमेंट की ओर से पेश हुए वकील शरण जगतियानी ने सोमवार को सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय को बताया कि रनौत ने उन्हें उन संशोधित बदलावों के बारे में सूचित किया है जो वे (सीबीएफसी) करना चाहते थे।
उन्होंने कहा कि इस मामले पर उनके (कंगना) और सीबीएफसी के बीच सहमति बन गई है और इस पर चर्चा हो चुकी है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि जी एंटरटेनमेंट को दृश्यों को हटाए जाने के बारे में पुष्टि करने के लिए समय चाहिए।
रनौत की मणिकर्णिका फिल्म्स फिल्म की सह-निर्माता है।
सीबीएफसी की ओर से पेश हुए वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने पीठ को बताया कि इन दृश्यों को हटाने से फिल्म की अवधि पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि मणिकर्णिका फिल्म्स ने अधिकांश बदलावों पर सहमति जताई है।
अदालत ने मामले की सुनवाई तीन अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी और दोनों पक्षों से उचित निर्देश लेने को कहा।
जी एंटरटेनमेंट ने अपनी याचिका में दावा किया कि सीबीएफसी ने पहले ही फिल्म के लिए प्रमाण पत्र बना दिया था, लेकिन इसे जारी नहीं कर रहा है।
जी एंटरटेनमेंट ने पहले आरोप लगाया था कि राजनीतिक कारणों और हरियाणा में आगामी चुनावों के कारण प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया। पीठ ने तब आश्चर्य जताया था कि सत्तारूढ़ पार्टी रनौत के खिलाफ कार्रवाई क्यों करेगी, जो खुद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से सांसद हैं।
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