नयी दिल्ली, 18 अप्रैल केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमाशुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कोरोना वायरस संकट के समय माल एवं सेवाकर (जीएसटी) करदाताओं को हर संभव मदद देने की प्रतिबद्धता जतायी है। बोर्ड ने 30 मार्च के बाद से अब तक 5,575 करोड़ रुपये के 12,923 जीएसटी रिफंड दावों का निपटारा किया है।
बोर्ड ने एक बयान में कहा कि अकेले पिछले सप्ताह में ही 3,854 करोड़ रुपये के 7,873 दावों का निपटान किया है। साथ ही उसने व्यापार और कारोबार अनुकूल फैसले किए हैं।
सीबीआईसी ने 31 मार्च को एक परिपत्र संख्या 133 जारी कर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) वापसी के दावों का तेजी से निपटान सुनिश्चित करने और सार्थक सूचनाओं के अभाव में किसी गलत दावे के निस्तारण पर रोक सुचित किए जाने की बात कही गयी है।विभाग ने कहा है कि इस सर्कुलर को लेकर कोविड- 19 जैसी स्थिति में भी सोशल मीडिया तथा अन्य मीडिया के कुछ हिस्सों में करदाताओं के बीच भ्रम फैलाया गया कि यह उन्हें तंग करने केलिए है।
बोर्ड ने कहा कि जीएसटी परिषद की 14 मार्च की बैठक में आईटीसी रिफंड में देरी को कम करने का निर्णय किया गया। इसके साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि आईटीसी के नकली दावों को आगे नहीं बढ़ाया जाना चाहिये। करदाताओं सहित विभिन्न पक्षकारों ने इन मुद्दों को जीएसटी परिषद के समक्ष रखा था।
व्यापार के समक्ष आ रही इस समस्या के निदान के लिये यह तय किया गया कि वर्गीकरण कोड की घोषणा को ही आवेदन का एक हिस्सा बनाया जाये। इसी बैठक में यह भी तय किया गया कि निर्यातकों को रिफंड दावों के निपटान के लिये वित्तीय वर्ष को अलग अलग हिस्सों में बांटा जाये। यह सुविधा 31 मार्च 2020 के बाद दायर आवेदनों पर लागू होगी। यह गौर किया जाना चाहिये कि इस तरह के सभी आवेदनों की तिथि जो कि 20 मार्च और 29 जून 2020 थी उसे बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दिया गया है।
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