सीबीआई ने चीनी नागरिकों को वीजा दिलवाने को लेकर कार्ति चिदंबरम के खिलाफ मामला दर्ज किया
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 250 चीनी नागरिकों को वीजा प्राप्त करने में सहायता करने के 11 साल पुराने एक आरोप की जांच को लेकर लोकसभा सदस्य कार्ति चिदंबरम के खिलाफ एक नया मामला दर्ज किया है. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
नयी दिल्ली, 17 मई : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 250 चीनी नागरिकों को वीजा प्राप्त करने में सहायता करने के 11 साल पुराने एक आरोप की जांच को लेकर लोकसभा सदस्य कार्ति चिदंबरम (Karti Chidambaram) के खिलाफ एक नया मामला दर्ज किया है. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कार्ति पर 2011 में 50 लाख रुपये की रिश्वत लेने के बाद चीनी नागरिकों को वीजा दिलवाने का आरोप है. उस वक्त कार्ति के पिता पी चिदंबरम केंद्रीय गृह मंत्री थे. अधिकारियों ने बताया कि मामला दर्ज करने के बाद सीबीआई के दल ने दिल्ली और चेन्नई में चिदंबरम पिता-पुत्र के आवास समेत देश के कई शहरों में 10 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की. अधिकारियों ने बताया कि चेन्नई और मुंबई में तीन-तीन जगहों के अलावा दिल्ली, कर्नाटक, पंजाब और ओडिशा में एक-एक जगह पर छापेमारी की गई.
कार्ति ने इस बारे में विस्तृत जानकारी दिए बिना ट्वीट किया, ‘‘ अब तो मैं गिनती भी भूल गया हूं कि कितनी बार ऐसा हुआ है? शायद यह एक रिकॉर्ड होगा. ’’ बाद में उन्होंने और ट्वीट कर कहा कि उनके कार्यालय ने उन्हें छापों के बारे में जानकारी दी है. उन्होंने कहा, “मेरे कार्यालय ने अभी ‘रिकॉर्ड’ के बारे में अद्यतन जानकारी दी है, 2015 में दो बार, 2017 में एक बार, 2018 में दो बार और आज, छह!” कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने हिंदी और अंग्रेजी में किए गए अपने ट्वीट में कहा कि सीबीआई के एक दल ने चेन्नई स्थित उनके निवास और दिल्ली में आधिकारिक आवास पर छापेमारी की. उन्होंने कहा, ‘‘ सीबीआई के दल ने मुझे एक प्राथमिकी दिखाई, जिसमें मेरा नाम आरोपी के तौर पर दर्ज नहीं था. छापेमारी में कुछ नहीं मिला और कुछ भी जब्त नहीं किया गया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मैं इस बात की ओर ध्यान जरूर दिलाना चाहूंगा कि छापेमारी का समय दिलचस्प है.’’ हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि छापेमारी के “समय” से उनका क्या आशय है. यह भी पढ़ें : हिंदू-मुस्लिम सुनिश्चित करें कि लोगों को धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश नहीं हो : पाटिल
अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में सीबीआई ने आरोप लगाया है कि कार्ति चिदंबरम को संयुक्त प्रगतिशील गठबन्धन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल के दौरान ‘तलवंडी साबो बिजली परियोजना’ के लिए जुलाई-अगस्त 2011 में चीन के 250 नागरिकों को वीजा दिलवाने के लिए 50 लाख रुपये की रिश्वत मिली थी. उस समय पी चिदंबरम केंद्रीय गृह मंत्री थे. साथ ही, अधिकारियों ने बताया कि पंजाब में बिजली परियोजना की स्थापना के लिए चीन की एक कम्पनी के साथ अनुबंध किया गया था, लेकिन उसका काम तय समय से पीछे चल रहा था . उन्होंने बताया कि परियोजना के लिए कामगारों की जरूरत थी, लेकिन सीमित संख्या में ही विदेशी नागरिकों को ‘वर्क परमिट’ दिया जा सकता था. आरोप है कि कम्पनी ने कार्ति से सम्पर्क किया, जिन्होंने अपने प्रभाव का फायदा उठाते हुए अधिकृत संख्या का उल्लंघन कर वीजा दिलवाया.
उन्होंने बताया कि कार्ति चिदंबरम के खिलाफ यह जांच, आईएनएक्स मीडिया मामले की पड़ताल के दौरान कुछ संबंधित सुराग मिलने पर शुरू की गई. कांग्रेस के सांसद आईएनएक्स मीडिया में विदेशी निवेश के लिए कथित तौर पर विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिलाने के आरोप में आपराधिक मामलों का सामना भी कर रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि लेन-देन की जांच के दौरान सीबीआई को 50 लाख रुपये की संदिग्ध राशि का पता चला, जो कथित तौर पर एक संयंत्र में काम करने वाले चीन के श्रमिकों को वीजा दिलवाने के वास्ते ली गई थी.