देश की खबरें | देखमुख के खिलाफ प्राथमिकी के बहाने राज्य प्रशासन की जांच कर रही है सीबीआई : महाराष्ट्र सरकार

मुंबई, 21 मई महाराष्ट्र सरकार ने बंबई उच्च न्यायालय से शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ अपने मामले के बहाने से राज्य के पूरे प्रशासन के खिलाफ जांच कर रहा है।

महाराष्ट्र सरकार ने याचिका दायर करके सीबीआई को यह निर्देश देने का अनुरोध किया है कि वह देखमुख के खिलाफ 21 अप्रैल को दायर प्राथमिकी से दो ‘‘संख्यारहित पैरा’’ को हटाए और इनके संबंध में कोई जांच नहीं करे।

सीबीआई ने पांच अप्रैल को अदालत के आदेश पर देशमुख के खिलाफ प्रारंभिक जांच के बाद प्राथमिकी दर्ज की थी।

पहले पैरा में देशमुख के खिलाफ गिरफ्तार पुलिसकर्मी सचिन वाजे के लगाए आरोपों का जिक्र है, जबकि दूसरे पैरा में पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण एवं पदस्थापना में भ्रष्टाचार का जिक्र है।

राज्य सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील रफीक दादा ने न्यायमूर्ति एस जे कथावाला और न्यायमूर्ति एस पी तावडे की खंडपीठ के समक्ष तर्क दिया कि अदालत ने अप्रैल में अपने आदेश में स्पष्ट रूप से कहा था कि पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण एवं पदस्थापना में भ्रष्टाचार के आरोपों के संदर्भ में पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को वैकल्पिक उपचार करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सीबीआई ने सरकार से स्थानांतरण एवं पदस्थापना संबंधी भारतीय पुलिस सेवा की अधिकारी रश्मि शुक्ला के पत्र की प्रति मांगी है।

दादा ने कहा, ‘‘सरकार ने सीबीआई से पूछा कि वह यह दस्तावेज क्यों चाहती है। ये बहुत गोपनीय दस्तावेज हैं। हम (सरकार) अनिल देशमुख के खिलाफ जांच के सीबीआई के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं। हम केवल यह कह रहे हैं कि सीबीआई अपने अधिकार क्षेत्र से परे नहीं जा सकती। सीबीआई इस मामले के बहाने से पूरे राज्य प्रशासन के खिलाफ जांच कर रही है।’’

पीठ ने शुक्रवार देर रात हुई इस सुनवाई के बाद मामले को 26 मई के लिए सूचीबद्ध किया।

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